क्कन्ञ्जहृन्: बिहार में पंचायत शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन देने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील (एसएलपी ) दायर की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई को अंतिम सुनवाई करेगा। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में साफ़ कर चुका है कि पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगायी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे एवं यूयू ललित की खंडपीठ ने स्टेट ऑफ़ बिहार वर्सेज बिहार सेकेंडरी टीचर्स स्ट्रगल कमेटी के मामले पर सुनवाई की। खंडपीठ ने कहा कि 31 जुलाई को चाहे जितना भी समय लगे सुनवाई पूरी कर ली जाएगी।

पड़ेगा 28 हजार करोड़ का भार

मालूम हो कि पटना हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर 2017 को अपने एक फैसले में नियोजित शिक्षकों और नियमित शिक्षकों को एक बराबर वेतन देने का फैसला दिया था। यदि फैसले को लागू कर दिया जाएगा तो 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए 28 हजार करोड़ का भार पड़ेगा।

फिलहाल पंचायत शिक्षकों को 6 हजार रुपये और नियमित शिक्षकों को 50 हजार रुपये प्रतिमाह मिलता है जिसको लेकर शिक्षक संघ ने विरोध जताते हुए कहा था कि एक ही तरह के कार्य के लिए अलग-अलग पैमाना नहीं होना चाहिए।

Posted By: Inextlive