- नोटबंदी के बाद सोने और जमीन खरीद में कालाधन लगाने की आशंका

- संदेह होने पर निगरानी करेगा लॉकर का औचक निरीक्षण

PATNA: बिहार के निगरानी विभाग की नजर अब सरकारी अफसरों के बैंक लॉकर पर भी रहेगी। भ्रष्टाचार का संदेह होने पर मालिक और बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में लॉकर की जांच की जाएगी। इससे पहले जांच में कई भ्रष्ट अफसरों के बैंक लॉकर में स्वर्णाभूषण, सोने की ईंट और करोड़ों की नकदी मिली है। किसी भी बैंक लॉकर में नकद राशि रखना गैरकानूनी है, लेकिन यह बात सामने आई है कि काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए बैंक लॉकर का यूज हो रहा है। अगस्त में नगर विकास और आवास विभाग के सहायक अभियंता केपी सिंह के बैंक लॉकर की तलाशी में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सोने की ईंट और स्वर्णाभूषण समेत क्.फ्9 करोड़ की नकदी बरामद किया था।

फ् लाख देते हैं आय का विवरण

बिहार में हर साल राज्य के ढाई से फ् लाख अफसर और कर्मी सरकार को अपनी चल और अचल संपत्ति समेत अन्य देनदारियों की जानकारी देते हैं। इस एलान में उनके बैंक लॉकर की भी जानकारी होती है। अबतक किसी भी लोकसेवक के बैंक लॉकर की औचक जांच नहीं की गई है।

पहचान की जा रही

विभाग ने लोकसेवकों के संदिग्ध बैंक लॉकर की पहचान की जा रही है। आशंका है कि नोटबंदी के बाद बिहार सरकार के कई भ्रष्ट लोकसेवकों ने अपने पास पडे़ कालेधन को सोना और जमीन-जायदाद खरीदने में लगाया है। यह भी आशंका है कि काली कमाई से अर्जित सोना और जमीन-जायदाद के दस्तावेजों को छुपाने के लिए अपने और परिजनों के बैंक लॉकर का इस्तेमाल किया गया है। लॉकर की तलाशी ली जाए तो अघोषित संपत्ति का खुलासा हो सकता है। सभी बैंक लॉकर की औचक जांच संभव नरीं है। इसलिए कुछ संदिग्ध अफसरों की बैंक लॉकर की पहचान कर औचक जांच की रणनीति बनी है।

Posted By: Inextlive