-मुख्यमंत्री ने वास स्थल क्रय सहायता योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना का किया आरंभ

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क्कन्ञ्जहृन्: गुरुवार को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग के परिवारों के लिए मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना का आरंभ सीएम नीतीश कुमार ने किया। मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना के तहत इस श्रेणी के वैसे परिवारों को साठ हजार रुपए की मदद वास स्थल क्रय के लिए दी जाएगी जिनका चयन प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत हो गया है, पर उनके पास आवास निर्माण के लिए जमीन नहीं है। ऐसे लोगों द्वारा आवास निर्माण के लिए जो जमीन क्रय की जाएगी, वह निबंधन शुल्क से मुक्त रहेगी। वहीं 1996 के पहले क्लस्टर में बने जर्जर हो चुके इंदिरा आवास के फिर से निर्माण के लिए सरकार संबंधित परिवारों को 1.20 लाख रुपए उपल?ध कराएगी। इस योजना के तहत गुरुवार को संबंधित 200 परिवारों को उनके बैंक खाते में पैसे भी भेज दिए गए। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में मुख्यमंत्री ने इन दोनों योजनाओं का आरंभ किया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भी मौजूद थे।

गांधी मैदान से किया था ऐलान

सीएम ने दोनों योजनाओं का ऐलान इस वर्ष पंद्रह अगस्त को गांधी मैदान में किया था। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्ष तक हम बापू की 150वीं जयंती मनाएंगे। उनका लक्ष्य है कि इन दो वषरें के भीतर गरीबों के उत्थान की योजनाएं लगातार शुरू होती रहें। वास भूमि क्रय के लिए साठ हजार रुपए उपल?ध कराए जाने की योजना का लाभ उन लोगों को भी दिए जाने का काम आरंभ है जिनके नाम एसईसीसी में छूट गए हैं। सितंबर तक ऐसे लोगों के नाम केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय ने मांगे थे। इनके नाम राज्य सरकार ने भेज दिए हैं। छूट गए लोगों को राज्य सरकार अपनी तरफ से मदद करेगी। संवाद कक्ष में कई लोगों को मुख्यमंत्री ने प्रतीकात्मक रूप में सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया। सीएम ने कहा कि जो निर्णय लेते हैं, उसके लिए राशि का आकलन कर लेते हैं। हाशिए पर खड़े लोगों का विकास नहीं करेंगे, तब तक विकास का कोई मतलब नहीं। जल्द ही वाहन खरीदने के लिए अनुदान देने वाली योजना का भी आरंभ होगा। हरेक पंचायत में पांच लोगों को वाहन खरीदने में मदद करेंगे। एक लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

पोखर का पानी भी पिया है

सीएम ने कहा कि सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल बहुत बड़ी चीज है। गांव में नल से पीने का पानी मिल रहा है, यह बहुत बड़ी बात है। एक बार उन्होंने एक गांव में पोखर का भी पानी पिया है। उन्हें प्यास लगी थी। गांव वालों से जब पानी मांगा गया तो वे लोग असमंजस में पड़ गए। दरअसल, उस गांव में पेयजल का एकमात्र साधन पोखर का पानी था। गांव वालों को लग रहा था कि मुझे वही पानी देंगे, तो हो सकता है कि मेरी तबियत खराब हो जाए। साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि एक वह भी दौर था कि जब दिन में 17 से 18 किमी पैदल चलते थे।

Posted By: Inextlive