- रेलवे स्टेशन पर बेचे जाएंगे डिब्बा बंद सामान

- खुले में बनने वाली चीजों को नहीं होगी बिक्री

GORAKHPUR: रेलवे स्टेशन पर खुले में बिकने वाली खाद्य सामग्री पूरी तरह से गायब हो जाएगी। स्टेशनों पर खुले में छानकर बिकने वाली पूड़ी-सब्जी और केतली की चाय नजर नहीं आएगी। रेलवे की नई व्यवस्था में रेलवे स्टेशन पर खुले में किसी तरह का खाद्य पदार्थ बेचने पर पूरी तरह से मनाही होगी। पूड़ी सब्जी की जगह पैकेट बंद भोजन और डिस्पेंशन मशीनों वाली चाय मिलेगी। रेलवे के वेंडर्स ने बताया कि जंक्शन पर यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है। लेकिन जंक्शन के अलावा अन्य कई स्टेशनों पर अभी भी पूड़ी-सब्जी बेची जा रही है।

पैकेट पर होगी हर तरह की जानकारी

रेलवे स्टेशन पर खुले में बिकने वाली खाद्य सामग्री की शिकायत रेलवे अधिकारियों को मिल रही थी। इसकी शिकायत रेलवे बोर्ड तक पहुंची तो कई तरह के बदलाव के फैसले लिए गए। रेलवे की खान-पान नीति को बदलकर नई व्यवस्था लागू करने पर जोर दिया गया है। रेलवे से जुड़े लोगों का कहना है कि स्टेशन के पुराने स्टॉल को बंद करके नए स्टॉल बनाए जा रहे हैं। इसके पीछे यह उद्देश्य है कि रेल यात्रियों को शुद्ध खाना खिलाया जाए। अवैध ढंग से होने वाली वेंडिंग पर लगाम कस सके। इसलिए यह व्यवस्था बनाई गई है कि हर सामान को पैकेट में पैक करके उपलब्ध कराया जाएगा। इससे यात्रियों को खाने का शुद्ध और साफ-सुथरा सामान मिल सकेगा। वेंडर स्टेशन के बाहर खाना तैयार करके उसे पैकेट में पैक करके प्लेटफॉर्म पर ले आएंगे। पैकिंग पर खाना पैक करने की तारीख, समय, वेंडर से संबंधित जानकारी और रेट लिखा जाएगा। इससे किसी पैसेंजर के साथ चीटिंग नहीं होगी। जबकि चाय के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। वेंडर केतली से चाय देने के बजाय डिस्पेंशन मशीन से ही लोगों को चाय पिलाएंगे।

स्वच्छता के लिहाज से उठाया कदम

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन पर खुले में सामान बिकने से गंदगी, मच्छर-मक्खियों का खतरा बना रहता है। हवा के साथ उड़ने वाली धूल भी खाने के सामान को प्रदूषित करती है। इसलिए हर रेलवे स्टेशन के रेस्टोरेंट और कैंटीन को मॉडर्न बनाया जाएगा। इससे कोई प्रदूषण भीतर नहीं पहुंच सकेगा। इसके अलावा ब्रांडेड कंपनी का पैकेट बंद खाना भी उपलब्ध कराया जाएगा। ब्रेड पकौड़ा, समोसा, इडली-डोसा सहित अन्य खाद्य पदार्थ भी बंद पैकेट में बेचे जाएंगे। हालांकि यह व्यवस्था गोरखपुर जंक्शन पर पहले से लागू कर दी गई है। लेकिन आसपास के छोटे स्टेशनों पर इसको लेकर तैयारी शुरू की जा चुकी है।

कोट्स

यहां पर हम लोग पैकेट में पूड़ी-सब्जी बेचने लगे हैं। स्टेशन के बाहर बने किचन में एक साथ पैकेट पैक किया जाता है। उसे लाकर स्टॉल पर वेंडर्स बेचते हैं। पैकेट बंद होने से किसी तरह की गंदगी पड़ने की संभावना नहीं होती है।

- अनिल कुमार, वेंडर, प्लेटफॉर्म नंबर एक

इस जंक्शन पर कई महीने पहले व्यवस्था शुरू हो गई है। समय-समय पर अधिकारी जांच करते रहते हैं। इसका फायदा यह है कि यात्री हम पर कोई आरोप नहीं लगा पाते हैं। जहां पर पैकेजिंग होती है, सारी जिम्मेदारी उनकी बनती है।

- परशुराम, वेंडर, प्लेटफॉर्म नंबर तीन

ताजा पूड़ी-सब्जी बनाने से यात्रियों को गरमा-गर्म नाश्ता मिल जाता था। लेकिन पैकेट लाकर रखने पर थोड़ी देर में ठंडा हो जाता है। यात्री शिकायत करते हैं कि ठंडी चीज खिला दिया। 15 रुपए में जनता नाश्ता उपलब्ध है। समोसा और अन्य चीजें अभी पैक करके नहीं बेची जा रही हैं।

- राजू, वेंडर, प्लेटफॉर्म नंबर चार

Posted By: Inextlive