सीएम योगी की कैबिनेट ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 3000 करोड़ रुपये का बैंकों से लोन लेने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।


- निजी प्रिंटिंग प्रेस को भी दिया जा सकेगा प्रिंटिंग का सरकारी काम- मध्यस्थता और सुलह के लिए सीपीसी के नियमों में संशोधन मंजूर

lucknow@inext.co.inLUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 3000 करोड़ रुपये का बैंकों से लोन लेने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। तीन बैंकों से लिए जाने वाले लोन के जरिए अब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य तेज गति से हो सकेगा और इसमें पैसों की कमी आड़े नहीं आएगी। इसके अलावा प्रस्तावित लोन के पश्चात 'फाइनेंशियल क्लोजर' के लिए आवश्यक शेष धनराशि तथा परियोजना के लिए आवश्यक मार्जिन धनराशि प्रदेश शासन द्वारा यूपीडा को यथासमय उपलब्ध कराए जाने के प्रस्ताव पर भी सैद्धांतिक अनुमोदन दिया गया है।पीएनबी ने दिए 7800 करोड़


कैबिनेट ने 'पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना' का बैंकों के माध्यम से वित्त पोषण के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। इसके तहत यूपी एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) द्वारा परियोजना के वित्त पोषण के लिए कॉरपोरेशन बैंक को पंजाब नेशनल बैंक कंसोर्शियम में शामिल करने व कॉरपोरेशन बैंक के 1000 करोड़ रुपए के लोन अप्रूवल के लिए यूपीडा को अधिकृत किए जाने के लिए सैद्धांतिक अनुमति दी गयी है। इसके अलावा प्रस्तावित लोन के सापेक्ष पीएनबी कंसोर्शियम के पक्ष में यूपी सरकार की अनुपूरक गारंटी जारी किए जाने को भी अनुमति दी गई है। वहीं 'विजया बैंक' का 'बैंक ऑफ  बड़ौदा' के साथ विलय हो जाने के पश्चात अब नये सिरे से डॉक्यूमेंट बैंक ऑफ बड़ौदा के पक्ष में तैयार करके भेजे जाएंगे। पहले दोनों बैंकों द्वारा यूपीडा को इस परियोजना के लिए एक-एक हजार करोड़ का लोन मिलना था, अब बैंक ऑफ  बड़ौदा द्वारा 2000 करोड़ रुपए दिया जाएगा। वहीं भविष्य में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना के वित्त पोषण के लिए स्थापित पंजाब नेशनल बैंक कंसोर्शियम में 12,000 करोड़ रुपए की लोन सीमा तक किसी भी नए पब्लिक सेक्टर बैंक को सम्मिलित करने व इसके लिए ऐसे बैंक को समाहित करके पंजाब नेशनल बैंक कंसोर्शियम के पक्ष में आवश्यक अनुपूरक गारंटी व अन्य डॉक्यूमेंट जारी किए जाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।ऐसे चुकाएंगे लोन

प्रस्तावित लोन की तीन वर्ष की मोरेटोरियम अवधि में ब्याज राशि की अदायगी त्रैमासिक आधार पर यूपीडा द्वारा पंजाब नेशनल बैंक कंसोर्शियम को किए जाने के लिए शासन द्वारा यूपीडा के पक्ष में बजट व्यवस्था और तत्पश्चात् मूलधन व ब्याज राशि तथा अन्य देयताओं की अदायगी आगामी 12 वर्षों में त्रैमासिक आधार पर 48 किश्तों (कुल समयावधि 15 वर्ष) में किए जाने के लिए यूपीडा के टोल से आय के स्रोतों में यदि किसी भी समय पर कोई कमी हो, तो उसे प्रदेश शासन द्वारा बजट प्राविधान के अन्तर्गत पूर्ण किए जाने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है।फैक्ट मीटर- 12000 करोड़ की लागत से बनना है पूर्वांचल एक्सप्रेस वे- 7800 करोड़ रुपये लोन देने की पीएनबी दे चुका है मंजूरी- 2000 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा से लिया जाएगा लोन- 1000 करोड़ रुपये का लोन कारपोरेशन बैंक से लिया जाएगा- 15 वर्ष में 48 त्रैमासिक किश्तों में चुकानी होगी लोन की रकमअन्य कैबिनेट फैसलेनिजी प्रेसों से करा सकेंगे प्र्रिंटिंग कार्य

कैबिनेट ने विभागीय प्रकाशनों की प्रिंटिंग के लिए निजी प्रेसों के पंजीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। प्रदेश सरकार की जनहितकारी योजनाओं, विकास कार्यक्रमों, निर्णयों एवं उपलब्धियों को आमजन तक पहुंचाने के लिए सूचना विभाग द्वारा समय-समय पर प्रचार-पुस्तिकाएं, फोल्डर, बुकलेट, ब्रोशर, हैंडबिल, एलबम, कैलेंडर व अन्य प्रचार सामग्री का प्रकाशन कराया जाता है। दरअसल वर्ष 2002 में एक शासनादेश के जरिए निजी प्रिंटिंग प्रेसों से कार्य कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इससे सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों पर ज्यादा काम का दबाव बढऩे लगा है। प्रचार-प्रसार की आवश्यकता, कार्य की तात्कालिकता एवं मुद्रण तकनीक में आये बदलाव को ध्यान में रखकर अब निजी प्रेसों को फिर से यह कार्य देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए ई-टेंडरिंग की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। निजी प्रेसों के लिए न्यूनतम टर्नओवर दो करोड़ रुपये, श्रेणी-ख के लिए एक करोड़ रुपये और श्रेणी-ग के लिए पचास लाख रुपये तय किया गया है। साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए प्रिंटर का ईएसआई, ईपीएफ तथा फैक्ट्री एक्ट एवं जीएसटी में रजिस्टे्रशन होना अनिवार्य होगा।मध्यस्थता और सुलह होगी अब आसान
कैबिनेट ने सिविल विधि (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक-2019 के माध्यम से सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 102 व 115 में तथा माध्यस्थम और सुलह अधिनियम-1996 की धारा-2 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इसके तहत 'पच्चीस हजार रुपए' को 'पचास हजार रुपए' रखा गया है जबकि सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 115 में 'पांच लाख रुपए' के स्थान पर 'पच्चीस लाख रुपए' किया गया है। इसके अलावा, माध्यस्थम और सुलह अधिनियम-1996 की धारा-2 में न्यायालय की परिभाषा में प्रस्तावित संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके तहत अब हाईकोर्ट के स्थान पर जनपद न्यायालय में भी ऐसे केसों की सुनवाई हो सकेगी ताकि विवादों का समय पर निस्तारण हो सके और लंबित केसों का बोझ कम हो सके। जिला न्यायाधीशों के साथ एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज भी इसकी सुनवाई कर सकेंगे।हाईकोर्ट में बनेगा कांफ्रेंस हॉल, म्यूजियम, मल्टीलेवल पार्किंगकैबिनेट ने हाईकोर्ट इलाहाबाद के लिए थार्नहिल रोड, प्रयागराज में कांफ्रेंस हाल, दो वीआईपी सूइट्स एवं एक म्यूजियम के निर्माण में उच्च विशिष्टियों के प्रयोग के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। इसके निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में सी एंड डीएस यूपी जल निगम को नामित किया गया है। इसके अलावा हाईकोर्ट इलाहाबाद के उपयोगार्थ मल्टी लेवल पार्किंग एवं एडवोकेट चैंबर के निर्माण में उच्च विशिष्टियों के प्रयोग के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसकी प्रस्तावित लागत 530।07 करोड़ रुपये है।उप्र शिक्षा सेवा अधिकरण का होगा गठन, योगी कैबिनेट में इन अन्य फैसलों पर भी लगी मुहरसीधे लाभार्थी के खाते में जाएगी रकमकैबिनेट ने मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की धनराशि पीएफएमएस लिंक्ड स्टेट नोडल एकाउंट से सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के वर्तमान वित्तीय प्रबंधन में संशोधन किया गया है। इस संशोधन से लाभार्थियों के खाते में धनराशि ट्रांसफर किए जाने में होने वाले प्रक्रिया में देरी से बचा जा सकेगा। योजना के लाभार्थियों के आवास निर्माण के लिए उनके खाते में अविलंब धनराशि ट्रांसफर करने से निर्माण कार्य जल्दी हो सकेगा।

Posted By: Shweta Mishra