-शिप्रा ने आंख से लेकर देह तक कर दिया दान

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PATNA: 64 साल की शिप्रा सेन की आंखों से अब दूसरे के जीवन का अंधेरा दूर होगा. बॉडी के अन्य आर्गन भी दूसरों को जीवन देंगे. शिप्रा का यह दान न सिर्फ लोगों को जीवन देगा बल्कि देहदान का बड़ा संदेश है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में शुक्रवार को हर कोई शिप्रा के देहदान पर उन्हें शेल्यूट कर रहा था. यह बिहार का तीसरा दह दान है जिससे लोगों को नई जिंदगी मिली है.

देहदान के लिए बनेगा प्रोटोकाल

दधीचि देहदान समिति के अभियान की जागरूकता और डिप्टी सीएम की दधीचि देहदान समिति के संरक्षक सुशील कुमार मोदी की प्रेरणा से 64 वर्षीया शिप्रा सेन का नेत्रदान और देहदान इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान किया गया. इस बड़े दान पर डिप्टी सीएम ने कहा कि बिहार में देहदान के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर 'स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेज्योर' (प्रक्रिया) अपनाई जाएगी. समिति की पहल पर यह तीसरा देहदान हुआ है. इसके पहले एक देहदान आईजीआईएमएस, पटना और दूसरा पावापूरी मेडिकल कॉलेज में हुआ था. बहुत जल्द राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आई बैंक काम करना शुरू कर देगा.

एक साल पहले लिया था संकल्प

दवा कारोबार से जुडे गर्दनीबाग के उत्पल सेन की पत्‍‌नी शिप्रा सेन का हृदयाघात से देहांत हो गया था. दुख की विषम घड़ी में उन्होंने पत्‍‌नी का नेत्रदान और चिकित्सा विज्ञान के छात्रों के शोध के लिए उनके शरीर के भी दान का निर्णय कर बेमिसाल उदाहरण प्रस्तुत किया. एक वर्ष पूर्व शिप्रा ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के समक्ष देहदान का संकल्प लिया था. समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप चैरसिया की पहल के लिए समिति उन्हें साधुवाद दिया है. दधीचि देहदान समिति ने आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल, नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा और सहयोगी चिकित्सकों का विशेष आभार माना है कि सभी ने देहदानी परिवार का उचित सम्मान के साथ देह स्वीकार किया व सभी औपचारिकताएं पूरी हुई.

Posted By: Manish Kumar