- मुंशी प्रेमचंद और रविंद्रनाथ टैगोर की कहानियां, कविताओं और साहित्य को पढ़ाया जाएगा

- इस प्लान का मोटिव है धर्म के साथ-साथ समाज की अच्छाइयों के बारे में जानकारी हासिल करना

PATNA: बिहार के मदरसों में दीनी तालीम के संस्कार, नैतिकता और सामाजिक सब्जेक्ट्स की जानकारी के लिए मुंशी प्रेमचंद और रविंद्रनाथ टैगोर की कहानियां, कविता और साहित्य को पढ़ाया जाएगा। बिहार सुन्नी बोर्ड के अकार्डिग धार्मिक तालिम के साथ सामाजिक सरोकार से जुड़ी प्रेरणादायी कहानियां भी कोर्स में इंक्लूड की जाएंगी। आधुनिक राह पर लाने की कवायद मदरसों में अक्सर धर्म से रिलेटेड बुक और संस्कार आदि के बारे में बताया जाता है, लेकिन बिहार सुन्नी बोर्ड ने मदरसों में धार्मिक पढ़ाई के साथ ही साहित्य को भी इंक्लूड करने को सोच रहा है। इस प्लैन का मोटिव धर्म के साथ-साथ समाज की अच्छाई के बारे में जानकारी हासिल करना है,

मुद्दों की दी जाएगी जानकारी

सुन्नी बोर्ड के प्रेसिडेंट का कहना है कि साहित्य और कहानियों के बारे में पढ़ाने का मेन मोटिव मदरसों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को उनकी बेसिक अच्छाईयों के बारे में अवेयर कराना है। इसमें समाज के प्रति इमोशनल अटैच्मेंट, बुराई पर अच्छाई की जीत, सोशल इविल्स के उन्मूलन का जज्बा, आपसी सौहार्द, सद्भावना, भाईचारे को बढ़ावा देने के साथ ही स्टूडेंट्स को बड़ों के प्रति संस्कारों की शिक्षा देना है।

ऐसा होगा सिलेबस

सिलेबस में प्रेमचंद का नशा, सेवासदन, प्रेमाश्रय, कायाकल्प,निर्मला, गबन, रंगभूमि, गोदान, प्रेम पचीसी, प्रेमपूर्णिया, नवनिधि, संग्राम, कर्बला, प्रेम की बेदी, आवाज ए खल्क, ईदगाह, लॉटरी, सवा सेर गेहूं, पूस की रात, दो भाई, शतरंज के खिलाड़ी के साथ ही रविंद्रनाथ टैगोर की काबुलीवाला, गीताजंली, पोस्टमास्टर जैसी कहानियों को शामिल किया जाएगा। प्रेमचंद्र और रविंद्रनाथ टैगोर के साहित्य और कहानी के साथ ही कबीर और रहीम के दोहे भी सिलेबस में शामिल किए जाएंगें। इस दौरान स्टूडेंट्स को रहीम के दोहे का सार समझाने के साथ ही उनकी जीवन में यूज के बारे में भी बताया जाएगा।

महान विभूतियों के बारे में जानकारी

सुन्नी बोर्ड के प्रेसिडेंट का कहना है कि मोहनदास करमचंद गांधी, जवाहर लाल नेहरु, भगत सिंह, जिन्ना, इंदिरा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, असफाक उल्ला खां के साथ हीं भीम राव अंबेडकर से संबंधित जानकारी देने के साथ ही अकबर, जहांगीर, शाहजहां, के कलासप्रेम और न्यायप्रियता के विषय में स्टूडेंट्स को जानकारी दी जाएंगी। इसके साथ ही संविधान के बारे में बताते हुए उनके अधिकारों के प्रति सचेत किया जाएगा

मिलेगी धार्मिक तालीम

सुन्नी वक्फ बोर्ड के प्रेसिडेंट इरशादुल्लाह के अनुसार तालीम के साथ ही सामाजिक सब्जेक्ट की जानकारी देने के लिए साहित्य और कहानियां पढ़ाई जाएंगी। भारतीय साहित्य और कविताओं में कुछ ऐसी बातें लिखी हुई है, जिनको अपनाने से स्टूडेंट्स के रहन-सहन भाषा, संस्कार और सोच में बदलाव आएगा। जिससे आने वाले वक्त में समाज, स्टेट और देश को फायदा मिलेगा।

Posted By: Inextlive