- नंबर पोर्टेबिलिटी को भी मिली मंजूरी, रख सकेंगे पुराना नंबर

- टू व्हीलर के लिए फैंसी नंबर लेने की सुविधा भी

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LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. इस फैसले से ट्रैफिक से जुड़े अपराधों में भी कमी होने की उम्मीद जताई जा रही है. कैबिनेट ने गाडि़यों की नंबर पोर्टबिलिटी को भी हरी झंडी दिखा दी. वाहन मालिक अब अपनी नई गाड़ी के लिए पुरानी गाड़ी का नंबर भी ले सकेंगे. वहीं दोपहिया वाहन स्वामियों से जुड़ा तीसरा अहम फैसला फैंसी नंबर्स को लेकर किया गया है. अब दोपहिया वाहन चालकों को भी कम दरों पर फैंसी नंबर लेने की सुविधा मिल सकेगी.

बिना हेलमेट बाइक चलाई तो 500

राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत शमन शुल्क की दरों में बढ़ोतरी की गयी है. अब बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर 100 के बजाय पांच सौ रुपये, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल यूज करने पर 100 के बजाय 500 रुपये, ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने पर भी 100 के बजाय 500 रुपये और बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाने पर 100 के बजाय 300 रुपये जुर्माना लगेगा. इसी तरह अलग-अलग अपराधों में जुर्माने की राशि में खासी बढ़ोतरी की गयी है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार को मोटर व्हीकल एक्ट में शमन शुल्क निर्धारित करने का अधिकार है. वर्तमान में जनसंख्या और आर्थिक विकास की वजह से वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जिससे वाहन दुर्घटनाओं में वृद्धि होने से अपार जनधन की हानि हो रही है. साथ ही ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन के मामले भी बढ़ते जा रहे है. यह पाया गया कि जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी न होने की वजह से अपराधों में अपेक्षित कमी नहीं हुई है.

बाइक-स्कूटर का भी होगा फैंसी नंबर

ौपहिया वाहनों की तरह दोपहिया वाहनों पर भी फैंसी नंबर देने की सुविधा शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है. ये नंबर तीन हजार रुपये से लेकर बीस हजार रुपये तक की फीस देने पर मिल सकेंगे. इसके लिए कैबिनेट ने दोपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग बेस प्राइस भी निर्धारित किए हैं. फोर व्हीलर के फैंसी नंबर 15 हजार रुपये से एक लाख रुपये देने पर मिल सकेंगे. इसी तरह टू व्हीलर पर अति आकर्षक नंबर के लिए 20 हजार रुपये, अति महत्वपूर्ण के लिए दस हजार रुपये, आकर्षक के लिए पांच हजार रुपये व महत्वपूर्ण के लिए तीन हजार रुपये देने होंगे. ये नंबर ई-नीलामी के जरिए आवंटित किए जाएंगे. वहीं ऐसा नंबर आवंटित कराने पर जो फैंसी नंबरों की श्रेणी में न आता हो, चौपहिया वाहनों के लिए पांच हजार रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए एक हजार रुपये देने होंगे.

पब्लिक की डिमांड पर पोर्टबिलिटी

पब्लिक की डिमांड पर कैबिनेट ने वाहन स्वामियों को नंबर पोर्टबिलिटी की सुविधा मुहैया कराने का फैसला भी लिया है. दरअसल भारत सरकार द्वारा पुराने वाहनों को आवंटित रजिस्ट्रेशन नंबर को नये वाहनों पर प्रदान करने की अनुमति दिए जाने की शक्ति राज्य सरकार को दी गयी है. इस सुविधा के बाद पुराने वाहन के स्वामी द्वारा उसी वर्ग के गाड़ी को खरीदने की दशा में देय फीस का भुगतान करने पर पुराने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर नये वाहन पर कुछ शर्तो के साथ आवंटित कर दिया जाएगा.

बढ़ी जुर्माने की राशि

अपराध जुर्माने की धनराशि

अब पहले

किसी दूसरे व्यक्ति को लाइसेंस देने पर 500 ---100

चेकिंग के दौरान डीएल ना दिखाने पर 500----100

मोबाइल का प्रयोग करने पर 500---100

बिना हेल्मेट के दो पहिया वाहन चलाने पर 500---100

तीन सवारी के साथ दो पहिया चलाना 500----100

सार्वजनिक स्थानों पर वाहन खड़ा करने पर 500----100

सीट बेल्ट ना पहनने पर 500 ----100

बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाना 300---100

बसों मे बिना टिकट यात्रा करने पर 500 ---000

बिना लाइसेंस वाले को गाड़ी देने पर 2500----800

बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन चलाने पर 5000 ----4000

बिना बीमा के वाहन चलाने पर 2400---800

नोट- दोबारा अपराध करने पर जुर्माने की राशि करीबन दोगुनी वसूली जाएगी

इसमें भी बढ़ोतरी

- ओवर स्पीडिंग के लिए : हल्के मोटर यान पर जुर्माना 2000 और भारी वाहनों पर 4000 रुपए

- बिना अनुमति के रेस लगाने पर : अब 500 रुपए जुर्माना देना होगा, पहले यह धनराशि 400 रुपए थी.

- रिफलेक्टिव टेप ना होने, कॉमर्शियल वाहनों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस ना होने, वाहनों के मूलरूप बनावट को बढ़ाने या छेड़छाड़ करने, ध्वनि और वायु प्रदूषण निर्धारित मानक ना मिलने पर : अब 2500 रुपए जुर्माना लिया जाएगा, पहले यह धनराशि 1000 रुपए ही थी.

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चार श्रेणियों में फैंसी नंबर

फैंसी नंबरों की लिस्ट में शामिल 346 नंबरों के लिए अब वाहन मालिकों को अधिक शुल्क देना होगा. साथ ही दो पहिया वाहन चालक भी फैंसी नंबरों की दौड़ में शामिल हो सके, इसके लिए उन्हें चार पहिया वाहन मालिकों की तुलना में कम धनराशि चुकानी होगी. चौपहिया वाहनों के लिए बेस प्राइज एक लाख, 50 हजार, 25 हजार और 15 हजार रुपए निर्धारित किया गया है. ऑनलाइन फैंसी नंबरों की नीलामी में चार पहिया वाहन मालिकों को इस धनराशि का एक तिहाई धनराशि जमानत के तौर पर जमा करनी होगी. इसी तरह दो पहिया वाहनों के लिए बेस प्राइज अलग से निर्धारित किया गया है. इसे भी चारों भागों में बांटा गया है. इसके लिए 20 हजार, 10 हजार, पांच हजार और तीन हजार रुपए धनराशि निर्धारित की गई है.

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वाहन पोर्टबिलिटी की फीस

फैंसी नंबर होने की दशा में उसका 20 प्रतिशत फीस आरटीओ ऑफिस में देनी होगी. फैंसी नंबर में 20 प्रतिशत की धनराशि किसी भी कीमत में 1000 से कम नहीं होगी. उदाहरण के लिए दो पहिया वाहन में अंतिम कैटेगरी के लिए 3000 रुपए निर्धारित किया गया है. 20 प्रतिशत करने पर 600 रुपए फीस आएगी. लेकिन 600 की जगह एक हजार रुपए ही नंबर पोर्ट कराने के लिए देने होंगे. सामान्य नंबर होने पर दो पहिया वाहन पर नंबर पोर्ट कराने पर 1000 और चार पहिया वाहन पर नंबर पोर्ट कराने के लिए 5000 रुपए फीस निर्धारित की गई है. नंबर पोर्ट कराने के लिए एक अन्य नियम बनाया गया है. चार पहिया वाहन का नंबर चार पहिया वाहन पर ही पोर्ट किया जाएगा. यह शर्त दो पहिया वाहन पर भी लागू रहेगी.

Posted By: Kushal Mishra