अब पटना के पेड़ भी बताएंगे अपना इतिहास
-मोबाइल एप और क्यूआर कोड से पेड़ देंगे अपनी परिचय, पर्यावरण बचाने की होगी अपील
PATNA: पटना के पेड़ भी अब हाइटेक होने वाले हैं। ये पेड़ अपना परिचय देते हुए फायदे के बारे में तो बताएंगे ही साथ ही पटनाइट्स को प्रकृति का महत्व भी समझाएंगे। ये सब कुछ सिर्फ एक एप के माध्यम से होगा। यही नहीं एप के अलावा पेड़ों पर क्यूआर कोड भी लगे होंगे जिसको स्कैन करके उसकी डिटेल्स पता चल जाएगी। ईको पार्क से शुरू होगी सुविधा पेड़ों की जानकारी देने के लिए पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने और एप के माध्यम से इनकी जानकारी देने की सुविधा ईको पार्क से शुरू होगी। पार्क में क्यूआर सिस्टम के साथ विभाग की तरफ से एक छोटा सा नॉलेज नोट भी चिपकाया जाएगा जिससे जो लोग मोबाइल फ्रैंडली नहीं हैं उन्हें वहां लगे नोट से पेड़ की जानकारी मिल जाएगी।स्पेशल पेड़ होंगे चिह्नित
पर्यावरण एवं वन विभाग की ओर से बनवाए जा रहे एप में पटना के स्पेशल और रेगुलर पेड़ों को चिह्नित किया जाएगा। सर्वे हो रहा है। एप और स्कैन की मदद से पटना के स्पेशल पेड़ के इतिहास की जानकारी के साथ पेड़ कीजड़ों का या पत्तों का इस्तेमाल किस बीमारी में होता है ये सारी जानकारी भी मिलेगी।
यूथ होंगे अवेयर तो बचाएंगे पेड़ ये योजना यूथ को ध्यान में रखकर बनाई गई है। स्मार्ट फोन के क्रेज के कारण युवा आसानी से एप भी इंस्टॉल कर सकेंगे और पेड़ों का इतिहास भी जान जाएंगे। एप के अंदर पेड़ की जानकारी भी रोचक तरीके से मिलेगी । इससे पेड़ों के प्रति उनका लगाव भी बढ़ेगा और पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक भी होंगे। जल्द फाइनल होगा एप का नाम एप का सॉफ्टवेयर तैयार किया जा चुका है सर्वे रिपोर्ट को कलेक्ट कर लिया गया है। उसको फाइनल करने के बाद अपलोड किया जाएगा। एप का नाम भी फाइनल किया जा रहा है। जुलाई के लास्ट तक ये काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद इसे लांच किया जाएगा। शुरुआत में तो इसे ईको पार्क से शुरु किया जा रहा है बाद में इसे पूरे पटना के लिए शुरू किया जाएगा। एप का काम फाइनल स्टेज में है। एक महीने में इसे पूरा कर दिया जाएगा। यूथ अब अपने पेड़ों का इतिहास अपने अंदाज में जानेंगे और इन्हें बचाने में सहयोग भी करेंगे। -हेंमत पाटिल , डीएफओ, पटना