मेरठ. कैबिनेट ने जब से मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी और सिंगल ब्रांड में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दी है तब से लोग घबराए हुए हैं.


किराने की दुकान वालों को इससे नुकसान होगा, इनके रोजगार पर संकट खड़ा हो जाएगा। इस तरह की बातें करके विरोध जताया जा रहा है। अगर नुक्कड़ वाली दुकान के ग्राहक तोडऩा इतना आसान होता तो सुभिक्षा, स्पेंसर जैसे देशी रिटेल ब्रांड इस शहर से बेआबरू होकर न निकलते। अब से चार साल पहले इनका भी विरोध हुआ था। लेकिन ये स्टोर आए, जो धीरे-धीरे बंद हो गए। लेकिन हमारे नुक्कड़ वाली किराना की दुकान पूरी मजबूती से जमी रही। तब भी हल्ला मचा


सुभिक्षा, स्पेंसर, विशाल मेगा मार्ट जैसे स्टोर आने पर भी खूब हंगामा हुआ था। छोटे व्यापारियों को अपना धंधा चौपट होता नजर आ रहा था। इन स्टोर्स में राशन, सब्जियां आदि लेने के लिए शुरुआत में तो लोगों की लाइन लगी, लेकिन धीरे-धीरे इनका क्रेज खत्म होता चला गया। इन स्टोर्स को अपना खर्चा निकालना तक मुश्किल हो गया। मेरठ में सुभिक्षा के जगह-जगह डेढ़ दर्जन स्टोर खुले। लेकिन कुछ समय बाद ही इसे यहां से बिजनेस समेटना पड़ गया। इसी तरह स्पेंसर के शहर में चार रिटेल स्टोर थे। ये भी धीरे-धीरे बंद हो गए। विशाल मेगामार्ट का एक स्टोर अब भी मजबूती से जमा हुआ, जबकि दिल्ली रोड का एक स्टोर बंद करना पड़ गया था। क्या वजह रही

इन स्टोर्स के बंद होने की बड़ी वजह थी खुद इसकी चमक-धमक। इन स्टोर्स को बिजली, क्वालीफाइड स्टाफ का खर्च निकालना ही मुश्किल हो गया। जगह भी किराए पर ली गई थी। इस वजह से खर्च बढ़ता ही जा रहा था। ग्राहकों ने कुछ दिन तक तो इनका साथ दिया, लेकिन कुछ समय बाद चमक-धमक से मोह भंग हो गया। राशन और सब्जी बेचने के लिए इन स्टोर्स के पास वेल क्वालीफाइड स्टाफ था। मैनेजमेंट की डिग्री लिए लडक़े ग्राहकों को लुभाने के लिए जुटाए गए थे, लेकिन अपनी पुरानी किराने की दुकान से ये लोग टक्कर नहीं ले पाए।नुक्कड़ वाली दुकान के फायदे- आसानी से उधार मिल जाता है। इनका 40 से 50 फीसदी व्यापार उधार पर चलता है।- पुरानी दुकान से हर घर का राशन बंधा हुआ है। पर्ची भिजवाने पर राशन घर पहुंचाने की सुविधा भी है। मतलब बिल्कुल फ्री होम डिलीवरी।- बिका हुआ माल वापस नहीं होगा, ऐसी शर्त भी नहीं है। किसी चीज को वापस करना किराने की दुकान पर आसान है। जबकि मल्टी ब्रांड रिटेल पर ऐसा आप सोच भी नहीं सकते हैं।

- पुरानी किराने की दुकान से भावनात्मक जुड़ाव भी है। पीढिय़ों से हम इस दुकान की सेवाएं ले रहे हैं। - किराना वाले भइया जैसा व्यवहार एमबीए पास यूथ अपने अंदर नहीं ला पाएगा। ये व्यवहार ग्राहक को खींचने के लिए बहुत जरूरी होता है।ये तो बंद हो गए- शहर में सुभिक्षा के डेढ़ दर्जन स्टोर थे। सभी धीरे-धीरे बंद हो गए- स्पेंसर के चार स्टोर खुले थे। कुछ ही समय बाद चारों बंद हो गए- विशाल मेगा मार्ट के दो स्टोर थे। एक स्टोर ही बचा है।फैक्ट्स- मेरठ शहर में छोटे-बड़े पचास हजार से अधिक किराना की दुकानें- रोजाना पांच करोड़ रुपए से अधिक का होता है कारोबार- सलाना कारोबार है साठ अरब से भी अधिक का

Posted By: Inextlive