वीआईपी नंबर्स की डिमांड को देखते हुए परिवहन विभाग ने बिडिंग में बेसिक प्राइस बढ़ाने का लिया फैसला

इस प्रक्रिया के जरिए विभाग केवल बोली बढ़ाने और नंबर लॉक कराने वाले आवेदकों पर भी लगाम कसेगा

Meerut. अपनी गाडि़यों पर वीआईपी नंबरों का शौक रखने वाले किसी भी कीमत पर अपनी पसंद के नंबर को खरीदना चाहते हैं. शौकीन लोगों के वीआईपी नंबर्स के प्रतिइसी क्रेज को देखते हुए अब परिवहन विभाग भी अपने टॉप टेन डिमांड वाले नंबर्स के बेसिक बिडिंग प्राइज में इजाफा करने जा रहा है. इससे विभाग मंहगे नंबर्स को खरीदने वालों की कैटेगरी भी अलग कर सकेगा. इससे आवेदक द्वारा वीआईपी नंबर्स को लॉक करने की संभावना भी कम हो जाएगी.

50 हजार तक कीमत

अभी तक ए कैटगरी के वीआईपी नंबर के लिए आवेदक को अधिकतम 15 हजार रुपये का भुगतान विभाग को करना पड़ता था. नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के बाद बेसिक कीमत 15 हजार से शुरू की गई. जिसके बाद कुछ नंबरों के नीलामी लाखों में हुई. अब विभाग ऐसे नंबरों को टॉप टेन में शामिल कर उनका बेसिक बिडिंग प्राइज दोगुने से लेकर 50 हजार तक करने जा रहा है.

0001 और 786 रहेंगे टॉप पर

वीआईपी नंबरों की टॉप टेन श्रृंखला में विभाग अपने सभी रीजन में अधिकतम अमाउंट में बिके नंबरों को शामिल करेगा. इसमें 0001, 1111, 9999, 7777, 0007, 0003 समेत 0786 आदि अत्याधिक डिमांड वाले नंबर शामिल होंगे.

2.11 लाख में बिका 0001

गत माह मेरठ में शुरू की गई नीलामी प्रक्रिया में यूपी 15 सीएक्स 0001 को कुलदीप सिंह ने 2,11000 की बोली लगाकर खरीदा था. वहीं दूसरा नंबर यूपी 15 सीएक्स 1111 को शिखा मिश्रा ने 108500 की बोली लगाकर खरीदा था. कुछ ऐसा ही हाल प्रदेश के अन्य रीजन में भी रहा था. लखनऊ में तो 0001 की बोली 11 लाख तक पहुंच गई थी. ऐसे में विभाग इन नंबरों को ओर अधिक मंहगा करने जा रहा है.

फर्जी बोली पर लगेगी रोक

इस प्रक्रिया के जरिए परिवहन विभाग केवल बोली बढ़ाने के लिए नंबर लॉक कराने वाले आवेदकों पर भी रोक लगाने का प्रयास कर रहा है. इन नंबरों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस भी अधिक होगी. ऐसे में अब केवल वही आवेदक नंबर लॉक करेगा, जिसको नंबर लेना होगा.

वीआईपी नंबरों की पूरी प्रक्रिया मुख्यालय द्वारा डील होती है. लोकल अधिकारियों को इसमें अब कुछ नही करना है. विभाग ने वीआईपी नंबरों के दाम बढ़ाने का फैसला लिया है, जो जल्द लागू कर दिया जाएगा.

सीएल निगम, आरआई

Posted By: Lekhchand Singh