-डॉक्टर्स पर नन्हें कंधों पर कम बोझ की करते हैं वकालत

-नर्सरी के बच्चों को भी उठाना पड़ रहा है चार किलो का बोझ

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PRAYAGRAJ: कम उम्र में ही बच्चों के कंधे पर पड़ने वाला भारी बोझ छोटी सी उम्र में ही बच्चों को कमर और कंधे का रोगी बना रही है। घरों में यह समस्या बेहद आम हो गई है। बुधवार को भी दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कई स्कूलों के बाहर बच्चों के बैग का वजन कराया और पैरेंट्स से बातचीत की।

बच्चे से भारी बैग

ब्वॉयज हाईस्कूल एंड कॉलेज में नर्सरी के छात्र आदित्य के बैग का वजन 4 किलोग्राम रहा। इसी प्रकार क्लास फस्ट के छात्र आरव श्रीवास्तव के बैग का वजन भी 5 किलो 400 ग्राम रहा। क्लास थर्ड के तनय सिंह के बैग का वजन भी पांच किलो के करीब रहा। इसी प्रकार कई बच्चों के बैग का वजन उनके कमजोर कंधे को दर्द देने के लिए काफी रहा।

झुक कर चलने को मजबूर हैं बच्चे

बेटे को स्कूल से लेने पहुंची राखी लता श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे का बैग उसके स्कूल टाइम टेबल के हिसाब से ही तैयार किया जाता है। उसके बाद भी बैग का वजन इतना होता है कि उसे कैरी करते समय बेटे को झुकना पड़ता है। यही हाल दूसरे बच्चों का भी है। प्रेरणा मौर्य ने बताया कि उनका घर तीसरी मंजिल पर है। ऐसे में बैग कंधों पर लादकर बेटे को तीसरी मंजिल तक चढ़ना-उतरना पड़ता है। कई बार वह कंधे में और कमर में दर्द की शिकायत भी करता है।

नए नियम से बच्चों को मिलेगी राहत

स्कूल बैग का वजन कम करने के सरकार के फैसले पर पैरेंट्स ने अच्छी प्रक्रिया दी। पैरेंट्स ने बताया कि अगर स्कूल नए नियमों का पालन करना शुरू कर देंगे तो बच्चों को राहत मिलेगी। बच्चों के साथ ही पैरेंट्स को भी काफी सुकून मिलेगा। अभी पैरेंट्स बच्चों की इन समस्याओं को लेकर हमेशा टेंशन में रहते हैं।

वर्जन

बेटे का बैग इतना भारी होता है कि हमको भी उठाने में दिक्कत होती है। बेटा अक्सर कंधे में दर्द की शिकायत करता है, लेकिन मजबूरी में इतना भारी स्कूल बैग उसको कंधे पर कैरी करना पड़ता है।

-राखी लता श्रीवास्तव

स्कूल टाइम टेबल के हिसाब से ही बैग तैयार करती हुं। फिर भी बहुत भारी हो जाता है। सेकेंड फ्लोर पर मेरा घर है। वहां पर बच्चे को भारी बैग कैरी करके चढ़ना उतरना पड़ता है।

-रीना मौर्या

वॉट्सअप से मिला

स्कूल जाने वाले बच्चों के स्कूल बैग का भार में कमी को लेकर एमएचआरडी का फैसला स्वागत योग्य है। इसको कड़ाई से पालन कराने पर भी प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

-विशाल श्रीवास्तव, हाजीगंज

Posted By: Inextlive