GORAKHPUR : विभिन्न एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में पढ़ने वाले ओबीसी कैटेगरी के 12159 स्टूडेंट्स इस समय स्कॉलरशिप से वंचित हो गए हैं. इन स्टूडेंट्स ने तो स्कॉलरशिप के लिए समय से फॉर्म तो समय से भरा था लेकिन एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स इसे जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग गोरखपुर में जमा नहीं किया. देरी से पहुंचने की वजह से इसे एंटरटेन नहीं किया गया. यही वजह है कि स्कॉलरशिप के रकम 7 करोड़ 39 लाख 39 हजार रुपए फंस गए हैं. इन स्टूडेंट्स में 1398 स्टूडेंट्स डीडीयू के हैं. इसके बाद स्टूडेंट्स भी पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तो कभी अपने इंस्टीट्यूट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं


स्टूडेंट्स लगा रहे विभागों के चक्करट्यूज्डे को डीडीयू के लॉ डिपार्टमेंट के कुछ स्टूडेंट्स जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी के यहां अपनी प्रॉब्लम लेकर पहुंचे। इन स्टूडेंट्स का कहना था कि उन्होंने टाइमली यूनिवर्सिटी की दी हुई डेट के अनुसार स्कॉलरशिप का फॉर्म भरा था। लेकिन उनका नाम लिस्ट में नहीं है। उनको बताया गया कि यूनिवर्सिटी की ओर से विभाग को स्कॉलरशिप के लिए स्टूडेंट्स का डाटा निर्धारित समय सीमा के बाद भेजा गया जिसकी वजह से ऐसा हुआ। स्टूडेंट्स ने यहां जमकर प्रदर्शन किया।डिटेल भेजने में हुआ लेट


इसके बाद आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने मामले की तह में जाना शुरू किया तो कई फैक्ट सामने आए। सिर्फ यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स ही इस स्कीम से वंचित नहीं रहे बल्कि जिले के 12,159 स्टूडेंट्स के साथ यह प्रॉब्लम है। इन सभी स्टूडेंट्स के साथ यही हुआ कि जहां यह पढ़ रहे हैं वहां से इनकी डिटेल्स टाइमली नहीं भेजी गई। गलती भले किसी की रही हो लेकिन अब सजा इन स्टूडेंट्स को भुगतनी पड़ रही है।नहीं हुई डाटा फीडिंग

जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, गोरखपुर, जेपी राय ने बताया कि ओबीसी की स्कॉलरशिप के लिए डाटा भेजने की लास्ट डेट 15 मार्च थी। लेकिन बहुत से एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स ने यह डिटेल्स इसके बाद भेजी हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने दो बार में अपने यहां के ऐसे स्टूडेंट्स के डिटेल्स भेजे हैं। इनमें से पहले लिस्ट 19 मार्च को डायरेक्ट्ली भेजी गई। जबकि दूसरी लिस्ट 22 मार्च को डीएम के यहां से फॉरवर्ड होकर आई थी। लेकिन यह दोनों ही समय सीमा के बाद विभाग पहुंची इसलिए इनकी डाटा फीडिंग नहीं हो सकी।स्कॉलरशिप की लिस्ट भेजने का काम इंस्टीट्यूट का था। अगर उन्होंने लेट किया है तो उनको सजा मिली चाहिए जो रिस्पांसिबल हैं। सजा हमें मिल रही है.शिवमहमने टाइमली स्कॉलरशिप का फॉर्म भरा था। अगर हमारे इंस्टीट्यूट से टाइमली नहीं भेजा गया तो हमें सजा क्यों मिल रही है। हम अपनी स्कॉलरशिप नहीं छोड़ेंगे। विवेकहम प्रयास कर रहे हैं कि स्टूडेंट्स का हित हो। डायरेक्टर, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, यूपी को लेटर लिखकर इस संबंध में डायरेक्शन्स मांगे गए हैं। इंस्टीट्यूट्स ने लेट किया है हम लोकल लेवल पर कुछ नहीं कर सकते.जेपी राय, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, गोरखपुरहां यह सही है कि हमारे यहां से थोड़ा लेट हुआ है। लेकिन मामला स्टूडेंट्स के हित से जुड़ा है इसलिए इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाना चाहिए। हमारी तरफ से जो संभव प्रयास होगा किया जाएगा.

एचएस बाजपेई, डीएसडब्लू, डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive