घर-घर जाकर वोटर्स को जागरूक कर रही टीचर्स और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां

आयोग स्तर पर हो रही स्वीप कार्यक्रम की मॉनिटरिंग

जिस घर की सहमति होगी उस पर लगेगी मुहर, मुखिया से करा रहे हस्ताक्षर

Meerut. वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ तक जरूर जाना है. परिवार के साथ जाना है और लोकतंत्र के इस उत्सव में भागेदारी दर्ज करानी है. दरअसल, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर घर-घर पहुंच रहे मतदानकर्मी लोगों को यही बातें कहकर न केवल मतदान के लिए जागरूक कर रहे हैं बल्कि उनसे वोटिंग करने की हामी भी भरा रहे हैं. स्वीप कार्यक्रम के दौरान मेरठ में मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक ले जाने के लिए आयोग के निर्देश पर विभिन्न प्रक्रियाओं का संचालन हो रहा है.

घर-घर जाकर कर रहे अपील

दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग का जोर आम चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ शत-प्रतिशत वोटर्स को पोलिंग डे के दिन पोलिंग बूथ तक लाने पर है. ऐसे में आयोग लोकसभा चुनाव से पहले नित नए प्रयोग कर रह रहा है. सिस्टमेटिक वोटर एजुकेशन एंड इलेक्ट्रोरल पॉर्टीशिपेशन प्रोग्राम (स्वीप) के तहत मेरठ में पहले चरण में होने वाले मतदान के मद्देनजर आम जनता को जागरूक करने का काम हो रहा है. प्राइमरी और जूनियर स्कूलों की शिक्षिकाएं, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, आशा बहुओं को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे घर-घर जाकर लोगों को मतदान के लिए जागरूक करें. इन्हें प्रमोटर नाम दिया गया है.

कर रहीं काउंसलिंग

अभियान के तहत घर-घर पहुंच रहीं शिक्षिकाएं आवश्यकता पड़ने पर घर के मुखिया और सदस्यों की काउंसलिंग भी कर रहीं हैं. पोलिंग डे के दिन परिवार के साथ पोलिंग बूथ पर जाने की हामी के साथ-साथ प्रमोटर घर के मुखिया के हस्ताक्षर भी एक रजिस्टर पर करा रहे हैं. आयोग के निर्देश पर जागरूकता कार्यक्रम की कड़ी निगरानी हो रही है तो वहीं क्रॉस चेकिंग के लिए घरों के बाहर दरवाजे पर एक मुहर भी लगानी होती है. जिससे पता चल सके कि किस-किस घर में प्रमोटर की विजिट हो गई है.

महिलाओं को न हो परेशानी

पोलिंग डे (11 अप्रैल) पर वोटर्स को पोलिंग बूथ पर ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिलें इसके लिए आयोग हर स्तर पर प्रयास कर रहा है. आयोग के निर्देश पर पोलिंग बूथ पर प्रथमवार आशा बहुओं और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को तैनात किया जा रहा है. यह आशा बहुएं और आंगनवाड़ी कार्यकत्री, यशोदा का रोल अदा करेंगी. बच्चे को गोद में लेकर पोलिंग बूथ पर आ रहीं महिलाओं की वे मदद करेंगी. महिला वोटर जब तक अपना वोट कॉस्ट करेगी वे बच्चे को गोद में लेकर उनका लाड़-दुलार करेंगी. एडीएम फाइनेंस सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया कि कभी-कभी देखा गया है कि वे महिलाएं पोलिंग बूथ नहीं पहुंच पातीं जिसकी गोद में छोटा बच्चा है और परिवार में कोई दूसरा व्यक्ति बच्चे की देखभाल के लिए नहीं है. ऐसे में महिला अब पोलिंग बूथ तक बच्चे को लेकर आ सकती है और यहां मौजूद आशा बहुएं और आंगनवाड़ी कार्यकत्री उसके बच्चे की देखभाल करेंगी. शहरी क्षेत्रों में महिला संगठनों से भी इस कार्य के लिए मदद मांगी जा रही है.

स्वीप के तहत वोटर्स को घर-घर जाकर अवेयर करने के लिए अभियान चल रहा है. वोटर्स को पोलिंग बूथ तक लाने के लिए प्राइमरी स्कूलों की टीचर्स, आंगनबाड़ी कार्यकत्री प्रेरित कर रहीं हैं तो वहीं यदि किसी वोटर की कोई शिकायत है तो काउंसलिंग करके उसे दूर भी किया जा रहा है. वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए आयोग के निर्देश पर यह अभियान चलाया जा रहा है.

सुभाष चंद्र प्रजापति, एडीएम फाइनेंस, मेरठ

एक नजर में..

2536837-मेरठ में कुल वोटर्स

1390484-पुरुष वोटर्स

1146155-महिला वोटर्स

198-थर्ड जेंडर

2740-पोलिंग बूथ

2700-मेरठ में आंगनवाड़ी कार्यकत्री

2000-मेरठ में आशा बहुएं

Posted By: Lekhchand Singh