GORAKHPUR : बेमौसम बरसात हो तो प्रॉब्लम होती है. लोग मौसम को कोसने लगते हैं लेकिन बेमौसम फल खाने को मिल जाएं तो मन चहक उठेगा. जाड़े के दिनों में गर्मी वाले फल लोगों को खूब लुभा रहे हैं. मैरेज सीजन होने से इन फलों की मार्केट में खूब डिमांड है. सिटी में ऑफ सीजन फल खरीदने का नया ट्रेंड तेजी से शुरू हो रहा है.


मुस्कुरा रहे फलों के राजा, हस रहा खरबूज जाड़े के दिनों में आमतौर पर संतरा, सेब, अनार जैसे फल पूर्वांचल में ज्यादा बिकते हैं। चीकू, आलूबुखारा, आड़ू इत्यादि भी बाहर से मंगाए जाते हैं। लेकिन ये फल सिटी की कुछ चुनिंदा जगहों और बड़ी शॉप्स पर ही अवेलबल हैं। इस बार मैरेज सीजन में फलों के राजा आम की डिमांड खूब है। खरबूजा और तरबूज भी लोगों को रास आ रहे हैं। मार्केट में तरबूज और खरबूजा के साथ आम की मौजूदगी लोगों को सर्दी में गर्मी की याद दिला रही है। तिलक से लेकर विदाई तक राजा का राज


मांगलिक कार्यों में कम से कम पांच तरह के फलों का यूज करने की परंपरा है। तिलक, फलदान या फिर वर-रक्षा में फल की पेटियों की खासी डिमांड होती है। इस पर सभी की नजर होती है कि जुडऩे वाली रिश्तेदारी से आए फलों में मिठास कितनी है। इस सीजन में भी आम की बादशाहत कायम है जबकि खरबूजा के साथ मऊ वाले तरबूज भी मिल रहे हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र से मंगाए जा रहे हैं फल

फल विक्रेताओं का कहना है कि इस सीजन में बाहर से ऑफ सीजन वाले फल आते हैं। तरबूज और खरबूजा राजस्थान से मंगाए जा रहे हैं। आम की खेप महाराष्ट्र से आ रही है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और अन्य पहाड़ी इलाकों से पहाड़ी फल आते हैं। आम की कीमत करीब 200 रुपए प्रति किलो चल रही है। 30-40 रुपए प्रति किलो की दर से तरबूज और 50 से 60 रुपए की दर से खरबूजा बिक रहा है। शॉपकीपर्स का कहना है कि मार्केट में इनका दाम घटता- बढ़ता रहता है।  ऑफ सीजन फलों की डिमांड खूब है। मैरेज सीजन में इसका चलन है। राजस्थान सहित कई जगहों से फल, मंडी में आते हैं। इनकी कीमत घटती-बढ़ती रहती है। रामानंद, फ्रूट सेलर, रीड साहब का धर्मशाला

Posted By: Inextlive