- महापौर और डीएम की अध्यक्षता में हुए थे शहर में पॉल्यूशन, वाटर वेस्टेज और जाम को खत्म करने के दावे

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियेलिटी चेक में खुली मीटिंग में किए गए अधिकारियों के दावों की पोल

- एनजीटी की गाइडलाइन की ही धज्जियां उड़ा रहे हैं विभाग, पता नहीं शहर में क्या काम करेंगे

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KANPUR : मंडे को महापौर और डीएम की अध्यक्षता में अलग-अलग मीटिंग्स हुईं. नगर निगम, आरटीओ, जलकल, जल निगम, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, केडीए और अन्य विभागों के तमाम अधिकारी इनमें मौजूद रहे. मीटिंग में पॉल्यूशन और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए विभागों द्वारा बडे़-बड़े दावे और वादे किए गए. लेकिन मीटिंग से बाहर निकलते ही ये खुद दावों को भूल गए. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ट्यूजडे को इसका रियेलिटी चेक किया तो पाया कि जिम्मेदार विभाग के अधिकारी डीएम और महापौर के आदेशों की भी परवाह नहीं करते हैं. यहां तक कि एनजीटी के आदेशों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

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डीएम साहब, आरटीओ पर क्या कार्रवाई होगी?

धूल की ये धुंध आरटीओ विभाग के अंदर की है. यहां सीवर लाइन डालने का कार्य किया जा रहा है. एनजीटी के नियमों के मुताबिक निर्माण कार्य ढक कर होना चाहिए. मिट्टी का दबाने के लिए पानी का छिड़काव होना चाहिए. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. जबकि एआरटीओ एयर पॉल्यूशन कम करने को लेकर मंडे को हुई डीएम और महापौर की बैठक में मौजूद थे. जबकि बैठक में एआरटीओ को भी बताया गया था कि शहर में 89 परसेंट पॉल्यूशन धूल की वजह से होता है.

एआरटीओ प्रभात पांडेय का जवाब- निर्माण को फौरन ही ढकने के साथ ही पानी के छिड़काव के निर्देश दे रहा हूं. आज से एनजीटी के नियमों के तहत की निर्माण होगा.

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सड़कों पर छिड़काव नहीं

डीएम विजय विश्वास पंत ने एयर पॉल्यूशन कम करने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान के तहत सड़कों पर पानी के छिड़काव करने के निर्देश दिए थे. जिससे उड़ रही धूल को कम किया जा सके. लेकिन जलकल और नगर निगम ने दोनों विभागों ने इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कैमरों ने साकेत नगर, किदवई नगर, मछरिया में सड़कों न बनी होने की वजह से भारी धूल उड़ती रही.

जलकल जीएम संजय सिन्हा का जवाब- एक दिन पहले ही तो मीटिंग हुई है. अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जल्द काम शुरू करेंगे.

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इंडस्ट्रियल एरिया में जांच नहीं

पनकी नहर किनारे बैट्री वालों द्वारा केमिकल वेस्ट नहर में डालने और खुले में फेंकने पर महापौर ने जांच के निर्देश दिए थे. लेकिन यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की है. जबकि रोजाना खतरनाक केमिकल वेस्ट नहर में डाला जा रहा है.

क्षेत्रीय अधिकारी घनश्याम कुमार का जवाब- मैं अभी लखनऊ में हूं. पहले मैं इसकी जांच कराऊंगा कि नगर निगम ने बैट्री वालों को कारोबार करने की परमीशन दी है कि नहीं. उसके बाद कार्रवाई की जाएगी.

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नहीं रुकी पानी की बर्बादी

मीटिंग के दौरान महापौर प्रमिला पांडेय ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए थे. लेकिन वाटर लाइन में पानी के प्रवाह के लिए बनाए गए एयर वॉल्व से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है. लेकिन जल निगम ने इस कोई ध्यान नहीं दिया और रोज की तरह से शहर में दर्जनों एयर वॉल्व से हजारों लीटर पानी बहता रहा.

अधीक्षण अभियंता, जल निगम रामशरण पाल- एयर वॉल्व से पानी तो बहेगा ही. फायर डिपार्टमेंट भी उस पानी का प्रयोग नहीं कर सकता है. लीकेज चलता ही रहेगा, इसको रोकने का कोई रास्ता नहीं है.

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मीटिंग में जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है. 1 हफ्ते में सभी से रिपोर्ट ली जाएगी कि अधिकारियों ने क्या कार्यवाही की है.

-प्रमिला पांडेय, महापौर.

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शॉर्ट टर्म प्लान के तहत कार्य न करने वाले विभागों के जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. शहर में एयर पॉल्यूशन को हर हाल में कम किया जाएगा.

-विजय विश्वास पंत, डीएम.

Posted By: Manoj Khare