- एसटीएफ ने जेल में मारपीट होने की दी थी रिपोर्ट

- अफसर साधे रहे चुप्पी, नहीं लिया कोई भी एक्शन

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LUCKNOW : देवरिया जेल में बंद माफिया अतीक अहमद की गुंडई पर जेल विभाग ही नहीं, शासन और डीजीपी मुख्यालय के अफसर भी खामोश रहे। जिसकी वजह से उसके हौसले बढ़ते चले गये और उसने जेल में अपनी अदालत लगानी शुरू कर दी। अपने विरोधियों को जेल में बुलाकर पीटने लगा और करोड़ों रुपये की वसूली और लेन-देन के मामले निपटाने लगा। देवरिया जेल में उसका यह आतंक था कि जेल अफसर भी उस पर हाथ डालने से कतराते थे। जेल में बंद अतीक पर पल-पल की नजर रखने वाली एसटीएफ ने उसकी इस गुंडागर्दी की हरकतों की रिपोर्ट शासन और डीजीपी मुख्यालय को दी थी पर उस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर की अतीक द्वारा देवरिया जेल में पिटाई के मामले का सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद शासन में हड़कंप मच गया है और अब इसके जिम्मेदार अफसरों की तलाश शुरू हो गयी है।

नवंबर में बताई थी घटना

राजधानी के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल की जेल में पिटाई के मामले से पहले नवंबर माह में भी देवरिया जेल में ऐसी ही घटना अतीक द्वारा अंजाम दी गयी थी। दो दिन पहले प्रयागराज में एक और प्रॉपर्टी डीलर मोहम्मद जैद ने एफआईआर दर्ज करायी कि बीती 22 नवंबर को अतीक के साढू़ इमरान और उसके पुत्र उसे अगवा कर देवरिया जेल ले गये जहां एक जमीन का बैनामा करने से मना करने पर उसकी और दो साथियों की निर्ममता से पिटाई की। आपको यह जानकर हैरत होगी कि एसटीएफ ने इस घटना के दो दिन बाद 24 नवंबर को डीजीपी मुख्यालय और शासन को इसकी रिपोर्ट भेज दी थी। इसमें मोहम्मद जैद और उसके साथियों की जेल में पिटाई करने और उसका मोबाइल से वीडियो बनाने का जिक्र किया था। इसके बावजूद बड़े अफसर इस मामले को पचा ले गये और उन्होंने अतीक पर लगाम लगाने की कोई कवायद नहीं की।

मुख्य सचिव भी हो गये थे परेशान

भाजपा सरकार में अतीक की हरकतों को देखकर यह अंदाजा लगाना स्वाभाविक है सपा सरकार में उसके आतंक का क्या आलम रहा होगा। आपको शायद यह जानकर हैरत होगी कि सपा सरकार में एक मुख्य सचिव भी अतीक की गुंडागर्दी से परेशान हो गये थे। दरअसल मुख्य सचिव के एक रिश्तेदार से अतीक ने लाखों रुपये की वसूली करने की कोशिश की थी। उनके होटल पर जाकर उसने खुलेआम असलहे लहराए और जान से मारने की धमकी दी। यह पूरा वाकया सीसीटीवी में कैद भी हो गया था। तमाम कोशिशों के बाद ही मुख्य सचिव अपने रिश्तेदार को अतीक के चंगुल से बचा पाए थे।

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दो हजार बीघा जमीन पर हटाया कब्जा

अतीक की जेल में गुंडागर्दी के बढ़ते मामलों से यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर शासन और पुलिस के कुछ अफसर उस पर मेहरबान क्यों है। वहीं दूसरी ओर एसटीएफ लगातार अतीक और उसके गुर्गो पर अपना शिकंजा कसती जा रही है। हाल ही में प्रयागराज में अतीक द्वारा करीब दो हजार बीघा भूमि पर अवैध कब्जे को हटवाने में भी एसटीएफ ने अहम भूमिका निभाई थी। इसमें प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफसरों का भी अहम योगदान रहा और अतीक की पैरोकारी करने वालों की कोई बात नहीं सुनी गयी।

Posted By: Inextlive