- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने किया स्कूलों को रियलिटी चैक, तो हुआ खुलासा

- अधिकारियों को कोई फर्क नहीं कैसे देंगे बच्चे एग्जाम

BAREILLY: बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन और सुविधाओं के साथ कराने के लिए शासन की ओर से हजारों कवायदें की जा रही है। इसके बाबजूद ऐसे स्कूलों को सेंटर बना दिया गया है जिनकी बिल्डिंग जर्जर है। जर्जर बिल्डिंग में चल रहे इन स्कूलों में स्टूडेंट्स कैसे परीक्षा देंगे इस बात से अफसरों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। फ्राइडे को दैनिक जागरण की टीम ने शहर में परीक्षा केंद्र बनाए गए कुछ स्कूलों का रियलटी चेक किया तो स्कूलों की हालत खराब मिली। आइए बताते है कि किस स्कूल में क्या मिला

मौलाना आजाद इंटर कॉलेज
शहर के श्यामगंज स्थित नगर निगम के मौलाना आजाद इंटर कॉलेज में बोर्ड परीक्षा का सेंटर बनाया गया है। इस परीक्षा केंद्र पर 1077 स्टूडेंट परीक्षा देंगे। इसमें से हाईस्कूल में 553 और इंटर में 524 अभ्यर्थी शामिल होंगे। कॉलेज की पूरी बिल्डिंग जर्जर है और जिन क्लासेज में स्टूडेंट्स बैठकर परीक्षा देंगे उनकी हालत एकदम खस्ता है। कई क्लास रूम के मेन गेट को ही जगह जगह से बांध कर रोका गया है। क्लास रूम के अंदर भी गड्ढे हैं। ऐसे में यहां स्टूडेंट कैसे परीक्षा देंगे यह बड़ा सवाल है।

लैब की हालत है एकदम खस्ता
मौलाना आजाद इंटर कॉलेज की साइंस लैब का गेट जर्जर हालत में है। लैब के अंदर कोई भी एक्यूपमेंट नहीं है। ठीक इसी तरह भौतिक विभाग के लैब में भी कोई एक्यूपमेंट नहीं है।

सीसीटीवी कैमरे है ठीक
कई कमियों के बीच इस स्कूल में सिर्फ एक चीज ठीक है जो है सीसीटीवी कैमरे। स्कूल प्रशासन ने शासन के आदेश पर पूरे स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जो बिल्कुल ठीक तरह से काम भी कर रहे है। आदेशानुसार इन्ही सीसीटीवी कैमरों के साथ वॉयस रिकॉर्डर भी ठीक है।

केडीईएम इंटर कॉलेज
नैनीताल रोड स्थित केडीईएम स्कूल की बिल्डिंग भी जर्जर है। क्लास रूम की छत और दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं। इन्ही क्लास रूम में बैठकर हाईस्कूल और इंटर के कुल 768 स्टूडेंट्स परीक्षा देंगे। जिसमें से 427 हाईस्कूल और 341 इंटर के स्टूडेंट्स होंगे। केंद्र व्यवस्थापक हरीश कुमार स्वामी ने बताया यदि कोई संस्था यदि बिल्डिंग को ठीक करा देती है तो यह ठीक हो जाती है। यह एडेड कॉलेज है। यहां सिर्फ टीचर्स की ही सैलरी गवर्नमेंट से आती है। बाकी सभी काम खुद ही करने होते हैं।

स्कूल में पड़ी थीं शराब की बोतल
स्कूल के अंदर अंदर शराब की बोतलें भी पड़ी दिखाई दी। जब हमारी टीम स्कूल में घूमी तो प्रिंसिपल ऑफिस के पीछे ही कुछ शराब की बोतले पड़ी मिली। जिससे साफ जाहिर था कि स्कूल में असामाजिक तत्वों का आना जाना है। इस बारे में स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल बंद होने के बाद ठेले और रिक्शे वाले ही बाहर से शराब पीकर स्कूल के अंदर बोतलें फेंक देते हैं।

गिलहरी काट जाती है तार
सिविल लाइंस स्थित मैथोडिस्ट ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में सभी व्यवस्थाएं ठीक दिखाई दी, लेकिन यहां यहां लगे सीसीटीवी कैमरे कब बंद हो जाएं इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। क्योंकि इस स्कूल में गिलहरियों का काफी निवास है। स्कूल के अंदर हरियाली होने की वजह से काफी संख्या में गिलहरी रहती हैं। यह गिलहरी स्कूल वालों को आए दिन परेशान करती रहती है। गिलहरियां स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे के वायर को काट देती हैं। इस बात की शिकायत स्कूल प्रिंसिपल सुनीला मैसी ने डीआईओएस से भी की है। परेशान होकर उन्होने तारों के बॉक्स को जाली से बंद ही करा दिया, लेकिन अब गिलहरियों का टारगेट दीवार के सहारे जा रही लाइन है।

लेकिन वॉयस नही सुना पाए
जब हमारी टीम केपीआरसी कला केंद्र कन्या इंटर कॉलेज पहुंची तो यहां भी सभी कुछ ठीक मिला। क्लास रूम में सीसीटीवी कैमरे दोनों साइड लगे हैं, लेकिन वॉयस रिकार्डर पर थोड़ा शक शक हुआ। जब स्कूल कर्मचारियों से पूछा तो उन्होने बताया कि इसमें छोटे वाले वॉयस रिकॉर्डर लगे हुए हैं जो कि आसानी से दिख नही पाते है। जब उनसे कहा कि इन वॉयस रिकॉर्डर की आवाज सुना दो तो सुना नहीं पाए। फिर बोले कि इसकी आवाज प्रिंसिपल रूम में सुनाई देती है और उनका ऑफिस आज बंद है।

जब बच्चे पूरे साल जर्जर भवनों में पढ़ सकते है तो एग्जाम क्यों नहीं दे सकते। एग्जाम देने में कोई दिक्कत नहीं है और रही बात स्कूल में शराब की बोतलों की तो उसको मैं खुद चैक करता हूं।

प्रदीप कुमार, जेडी

Posted By: Inextlive