जम्मू कश्मीर के चीफ मिनिस्‍टर उमर अब्दुल्ला ने होम मिनिस्‍टर सुशील कुमार शिंदे से बातचीत कर मांग की कि हिज्बुल मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी लियाकत शाह की अरेस्‍िटंग के मामले को दिल्ली गवर्नमेंट से एनआईए को ट्रांसफर किया जाए ताकि इस मामले की सही से जांच की जा सके. उन्‍होंने फोन पर शिंदे से यह मामला उठाया.


उमर ने कहा कि मैंने उनसे बात की है और इस मामले की एनआईए से तेजी से तथा समयबद्ध तरीके से जांच कराने के लिए कहा है.  यह विवाद उस समय पैदा हुआ जब लियाकत शाह को दिल्ली पुलिस ने अरेस्ट कर लिया और दावा किया कि यह हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकवादी है जो दिल्ली में आत्मघाती हमला करने की योजना बनाने के लिए आया था. इस बीच जम्मू कश्मीर पुलिस ने दिल्ली पुलिस के आरोप का खंडन किया और कहा कि वह सरंडर के लिए घाटी लौट रहा था. लियाकत के कुपवाड़ा जिले के लालपूरा स्थित परिवार ने भी कहा है कि उन्होंने वापसी के बारे में अधिकारियों को बता दिया था जो इस पर सहमत हो गए थे. कश्मीरी युवा लियाकत वर्ष 1990 के दशक में सीमा पार कर पाक अधिकृत कश्मीर चला गया था और अब वह नेपाल के रास्ते लौट रहा था.
परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि लियाकत ने यूपी के गोरखपुर के रास्ते भारत में प्रवेश किया और सीमा की सुरक्षा कर रहे एसएसबी के समक्ष खुद को पेश किया. इस बीच राज्य पुलिस को दिए जाने के बजाय उसे दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया. सूत्रों ने कहा कि लियाकत की अरेस्िटंग पाक अधिकृत कश्मीर के युवाओं को हिंसा के रास्ते को छोड़ने और मेन स्ट्रीम में शामिल होने से रोक सकता है.

Posted By: Garima Shukla