7 मई 1930 का दिन क्रिकेट के लिहाज से काफी महत्‍वपूर्ण है। यह वो दिन था जब भारत में पैदा हुए एक खिलाड़ी ने इंग्‍लैंड की धरती पर उन्‍हीं की टीम से खेलते हुए एक यादगार पारी खेली थी। जानिए कौन था ये खिलाड़ी....


5 घंटे में ऐसे जड़ा था तिहरा शतककानपुर। क्रिकेट में आए दिन नए रिकॉर्ड बनते हैं और टूटते हैं। ऐसा ही एक रिकॉर्ड 88 साल पहले इंग्लैंड की जमीन पर बना था। 7 मई 1930 को इंग्लिश घरेलू क्रिकेट टीम ससेक्स की तरफ से खेलते हुए दाएं हाथ के बल्लेबाज दलीप सिंहजी ने नॉर्थैंप्टनशॉयर के खिलाफ 333 रनों की रिकॉर्डतोड़ पारी खेली थी। वो वक्त ऐसा था जब बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट बहुत कम हुआ करता था। आज हम टी-20 में जहां 200-300 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजों को बैटिंग करता देखते हैं, उस वक्त 50 के स्ट्राइक रेट से रन बनाना बहुत मुश्किल होता था। इसके बावजूद दलीप सिंहजी ने अपना तिहरा शतक पांच घंटे से कम समय में भी बना दिया था। यह उस समय की तेजतर्रार पारी मानी जाती थी।कौन हैं दलीप सिंहजी


गुजरात के कठियावाड़ में 13 जून 1905 को जन्में दलीप सिंहजी एक इंग्लिश क्रिकेटर थे। दलीप की शुरुआती पढ़ाई राजकोट के राजकुमार कॉलेज में हुई थी। इसके बाद वह पढ़ने के लिए इंग्लैंड चले गए, यहां उन्होंने शेल्टनहेम कॉलेज में एडमीशन ले लिया। दलीप को क्रिकेट का बहुत शौक था, पढ़ाई करते-करते वह कॉलेज की क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गए। बस यहीं से उनके क्रिकेटिंग करियर की शुरुआत हुई। स्कूल लेवल पर क्रिकेट खेलते-खेलते वह इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में पहुंच गए।फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट में है 15 हजार से ज्यादा रनमूलरूप से भारतीय दलीप ने इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट से अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने ससेक्स की तरफ से बहुत मैच खेले। फर्स्ट क्लॉस करियर की बात करें तो उनके नाम 205 मैचों में 15,485 रन दर्ज हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 50 शतक और 64 अर्धशतक निकले। 333 रन उनका सर्वाधिक व्यक्ितगत स्कोर है। इंग्लैंड की तरफ से खेले 12 टेस्ट दलीप सिंहजी के अंतरराष्ट्रीय करियर की बात करें तो उन्होंने इंग्लैंड की तरफ से 12 टेस्ट मैच खेले हैं। जिसमें उनके नाम 58.52 की औसत से 995 रन दर्ज हैं। इस दौरान उनके खाते में 3 शतक और 5 अर्धशतक भी निकले।इनके नाम पर खेली जाती है 'दलीप ट्रॉफी'

दलीप सिंहजी का पूरा नाम कुमार श्री दलीप सिंहजी है। भारतीय क्रिकेट टीम में दलीप को खेलने का मौका भले ही कभी न मिला हो, मगर उनकी मृत्यु के बाद बीसीसीआई ने उनके नाम पर एक टूर्नामेंट जरूर शुरु कर दिया। 1959 में दलीप सिंहजी दुनिया को अलविदा कह गए थे। इसके ठीक दो साल 1961 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपने घरेलू टूर्नामेंट में 'दलीप ट्रॉफी' का आयोजन शुरु कर दिया। तब से हर साल भारत में दलीप ट्रॉफी खेली जाती है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari