करीब 150 साल के क्रिकेट इतिहास में कर्इ एेसे मैच खेले गए जो खेल से ज्यादा किसी आैर वजह से चर्चा में रहे। एेसा ही एक मैच 1988 में खेला गया था जिसमें भारतीय टीम को जीत सिर्फ इसलिए मिल गर्इ क्योंकि विरोधी टीम के आधे खिलाड़ी बीमार पड़ गए थे।


कानपुर। साल 1988 में 12 से 17 नवंबर तक बेंगलुरु में भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच खेला गया टेस्ट कोई नहीं भूल सकता। यह ऐसा मैच था जो कीवी खिलाड़ियों के लिए आफफ बनकर आया। वैसे तो यह मैच बराबरी का था मगर एक भयंकर बीमारी ने कीवी टीम को अपाहिज बना दिया। दरअसल मैच खेलते-खेलते न्यूजीलैंड टीम के पांच खिलाड़ी एक वायरस की चपेट में आ गए और फील्डिंग के दौरान मेहमान टीम को पांच सब्सटीट्यूट खिलाड़ी खिलाने पड़े। क्रिकेट मैदान पर ऐसा नजारा बहुत कम देखने को मिलता है जब आधी क्रिकेट टीम बीमारी के चलते मैदान से बाहर चली गई हो। ऐसा था मैच का हाल
क्रिकइन्फो पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, भारत ने इस मैच में टाॅस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। भारत ने पहली पारी में 9 विकेट के नुकसान पर 384 रन बनाए। इस पारी में नवजोत सिंह सिद्घू ने शानदार 116 रन की पारी खेली। भारत की पहली इनिंग के जवाब में पूरी कीवी टीम 189 रन पर सिमट गई। इसके बाद भारत ने दूसरी पारी 141 रन पर घोषित की। अब मेहमान टीम को जीत के लिए 337 रन चाहिए थे। एक तो कीवी टीम के खिलाड़ी अपनी बीमारी से परेशान थे, उसके ऊपर से भारतीय गेंदबाज नरेंद्र हिरवानी ने कीवी बल्लेबाजों को पिच पर टिकने नहीं दिया। दूसरी पारी में न्यूजीलैंड सिर्फ 164 रन बना पाई और भारत यह मैच 172 रन से जीत गया। हिरवानी ने पारी में छह विकेट अपने नाम किए।18 साल तक क्रिकेट खेलने वाला यह खिलाड़ी कभी नहीं जीता मैचआज ही पैदा हुआ था वो गेंदबाज जो मैदान में तोड़ता था बल्लेबाजों की हड्डियां, बाउंड्री पर लगानी पड़ती थी पुलिस

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari