GORAKHPUR : साल 2013 जाते जाते गोरखपुर को हिला गया. यह वह साल था जिसने जरायम की दुनिया में दो शख्सों को कद बढ़ते देखा. दोनों ने पुलिस को ऐसा सिरदर्द दे दिया जिसकी दवा आज तक उन्हें नहीं मिली. ये दो शख्स थे सुधीर सिंह और चंदन सिंह. जब दोनों की तहकीकात आई नेक्स्ट ने की तो वो कहावत सच्ची निकली कि 'कोई भी पैदाइशी अपराधी नहींहोता. उसे अपराधी बनाते हैं हालात.' आज हम आपको उन दोनों वो कहानी बताएंगे जिसने उन्हें जरायम की काली दुनिया में कदम रखे.


खुद को बचाने को उठाई बंदूकName- Sudhir SinghAge- 35 Yrs।  Address- मल्हीपुर, सहजनवांCurrent Address- बशारतपुर, शाहपुरपेशा- ठेकेदारी, पुलिस रिकार्ड में पेशेवर अपराधीसुधीर सिंह के पिता सुरेंद्र सिंह की राजनीति रसूख थी। वे पिपरौली ब्लॉक प्रमुख भी थे। करीब 25 साल पहले मल्हीपुर में नाच हो रहा था। इसी दौरान विवाद हुआ। विवाद सुरेंद्र सिंह और प्रदीप सिंह के परिवार में हुआ।विवाद के बाद प्रदीप सिंह की फैमिली पर हमला हुआ। हमले में सुरेंद्र सिंह का नाम आया। हमले में कई लोग मारे गए। तब प्रदीप सिंह की बाल काफी बड़े थे। हमलावरों ने उसको लड़की समझकर छोड़ दिया। इसके बाद 1995 में गोरखपुर में जिला पंचायत गेट पर सुरेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई। वारदात में उनके गनर की कार्बाइन भी लूटी ली। मामले में प्रदीप सिंह का नाम सामने आया। उसके खिलाफ केस दर्ज कराया गया।


पिता को हत्यारों का लेना था बदला

हमले में पिता को खोने के बाद सुधीर सिंह किसी भी कीमत हत्यारों से बदला लेना चाहता था। मामला अदालत पहुंचा। तारीख पर तारीख पड़ी। प्रदीप को सुधीर से खतरा महसूस होने लगा था। उसने सुधीर को हटाने की ठान ली। करीब सात साल पहले प्रदीप ने सुधीर को कचहरी में ही मारने की योजना बनाई, लेकिन बदकिस्तमी से उस दिन तारीख देखने कचहरी में सुधीर का बड़ा भाई चंद्रवीर सिंह कचहरी पहुंचा। दोपहर करीब एक बजे थे। बदमाशों ने दीवानी कचहरी में चंद्रवीर को भून दिया। वारदात में प्रदीप सिंह का नाम सामने आया। इसके बाद प्रदीप सिंह और सुधीर सिंह में अदावत बढ़ती गई। उधर अपने भाई को खो चुके सुधीर ने अपनी गैंग तैयार कर ली। कुछ सालों बाद प्रदीप के साले की देवरिया बाईपास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसमें सुधीर सिंह का नाम आया। तभी से अपराध की दुनिया में सुधीर की तूती बोलने लगी। अपने नाम के खौफ का फायदा उठा कर सुधीर ने प्रापर्टी डीलिंग के साथ ठेकेदारी शुरू कर दी। आज भी पुलिस को उसका पता ठिकाना नहींमालूम है। वह बस हवा में ही तीर चला रही है।पांच हजार का इनामी है वांटेड सुधीर सिंह

शाहपुर, सहजनवां, गुलरिहा और कैंट थाना क्षेत्रों में सुधीर सिंह के खिलाफ हत्या, लूट, हत्या के प्रयास, सेवेन क्रिमिनल लॉ एमेडमेंट सहित कई गंभीर धाराओं में 24 मुकदमे दर्ज हैं। 10 नवंबर 13 को पॉपर्टी डीलर छोटू सिंह की हत्या में सुधीर सिंह और उसके साथियों को पुलिस तलाश रही है। उस पर पांच हजार का इनाम है। इस वारदात के मेन शूटर लालू यादव सहित तीन लोगों को पुलिस ने दबोच लिया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो सुधीर सिंह के गैंग में मऊ, आजमगढ़ के शूटर और असलहों की भारी खेप है। क्रिमिनल, लूट और मर्डर का आरोपीName- Chandan SinghAge- 28 Yrs। Approx।Address- कुशहरा, चिलुआतालपेशा- पुलिस रिकार्ड में पेशेवर अपराधी 
दीनानाथ सिंह का बेटे चंदन सिंह उर्फ देवकीनंदन सिंह को बचपन में सलाखों के पीछे जाना पड़ा। करीब 15 साल पहले खेत में पोल लगाने को लेकर चंदन की फैमिली का गांव के कुछ लोगों से विवाद हुआ। इस दौरान दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति का मर्डर हो गया। मामले में दीनानाथ और उसके बेटों को आरोपी बनाया गया। वक्त बीतने के साथ साथ चंदन का बदमाशों संग उठना बैठना शुरू हुआ। राजनीतिक जुड़ाव भी हुआ। इस दौरान पुलिस ने उसे लूट के मामलों में अरेस्ट किया, लेकिन उसे बेल मिल गई। इसके बाद क्षेत्र के कुछ दबंगों के खिलाफ उसने आवाज उठानी शुरू कर दी। इसको लेकर काजीपुर के विजय सिंह की फैमिली से उसकी ठन गई। करीब चार पहले चंदन के करीबी भुअर की हत्या कर दी गई। इसमें विजय सिंह के परिवार के लोगों का नाम आया। उसने दोस्त की मौत का बदला लेने की ठानी। 2012 में वह डोहरिया बाजार में धुलाई सेंटर पर वह गाड़ी धुला रहा था। तभी ताबड़तोड़ बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। इस हमले में वह बाल- बाल बच गया। लेकिन इस घटना में एक पूर्व मंत्री के दबाव में चंदन सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गई। दीपावली के दिन लिया दोस्ता का बदला हमले के करीब चार माह बाद चंदन ने अपनी दोस्त भुअर की मौत का बदला दीपावली के दिन लिया। नवंबर 2012 में उसने विजय सिंह के चाचा संतोष सिंह को डोहरिया बाजार में भरी दोपहरी भून दिया। वारदात से पुलिस सकते में आ गई। चंदन को अरेस्ट करने के लिए जाल बिछाया गया, लेकिन इस वारदात के बाद उसका कद बढ़ता चला गया। बदमाशों के बीच अच्छी पैठ बनाकर ताबड़तोड़ वारदातें करने लगा। 28 मुकदमे, इनाम साढ़े 12 हजार
चंदन के खिलाफ बस्ती के दुधरा, चिलुआताल, पनियरा, बड़हलगंज, कोतवाली, जीआरपी देवरिया, घुघली, श्यामदेउरवा और पनियरा थानों में 28 से अधिक लूट, हत्या, जानलेवा हमले के मामले दर्ज है। चंदन के खिलाफ डीआईजी रेंज ऑफिस से 12 हजार का इनाम घोषित किया गया है। करीब सात माह पहले चंदन सिंह को शाहपुर एरिया में छोटू सिंह के घर से पुलिस ने अरेस्ट किया। देवरिया जेल से पेशी पर लाए जाने के दौरान वह ट्रेन से कूदकर फरार हो गया था। उसके खिलाफ जीआरपी में भी केस दर्ज हुआ। चंदन के खिलाफ डीआईजी रेंज ऑफिस से 12 हजार का इनाम घोषित किया गया है। गैंगवार में पहले छोटू सिंह, फिर दीपक- गंगेश हुए 2013 के अंत में गैंगवार की दस्तक ने पुलिस की पेशानी पर बल ला दिया। 10 नवंबर की शाम गुलरिहा के शिवपुर साहबजगंज मोहल्ले में संजय द्विवेदी के ब्रह्मभोज में शामिल होने गए प्रापर्टी डीलर छोटू पर स्कार्पियों सवार बदमाशों ने गोलियां बरसाईं। छोटू सिंह की मौत हो गई। चार अन्य लोग घायल हो गए। इसमें सुधीर सिंह और उसके साथियों का नाम आया। बदमाशों के बीच हुई शुरू हुई गैंगवार की दूसरी घटना खोराबार के बुद्ध बिहार पार्ट सी में हुई। यहां खाली पड़े प्लाट में दो लाशें मिली। एक की पहचान खजनी के भगवानपुर निवासी दीपक सिंह और दूसरे की भीटी खोरिया के गंगेश उर्फ पहाड़ी के रूप में हुई। पुलिस का कहना है कि ये दोनों शातिर बदमाश है। दोनों के खिलाफ लूट सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस का मानना है कि यह वारदात गैंगवार का नतीजा है। हालांकि बदमाशों के पकड़े जाने के बाद वजह सामने आ सकेगी। वांटेड बदमाशों की तलाश चल रही है। सुधीर सिंह की तलाश में पुलिस टीम वर्क कर रही है। इसके अलावा चंदन सिंह को भी पुलिस अरेस्ट करने की कोशिश मेंं लगी है। गंगेश पहाड़ी और दीपक सिंह मर्डर के खुलासे के लिए खोराबार पुलिस शिद्दत से वर्क कर रही है। कानून से बड़ा कोई नहीं है। इन सभी को अरेस्ट करके सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। सीपी शुक्ला, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive