-देश के तेरह अखाड़ों को सरकार से मिलेगा एक-एक करोड़ की अनुदान

ALLAHABAD: कुंभ मेला के दौरान अखाड़ों की ओर से शाही स्नान के बहिष्कार का निर्णय वापस हो या न हो लेकिन अखाड़ों के स्थाई निर्माण की मांग को लेकर मुश्किलों का समाधान निकलने की उम्मीद बढ़ गई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अन्तर्गत आने वाले देश के सभी तेरह अखाड़ों में से प्रत्येक अखाड़े को एक-एक करोड़ रुपए का बजट शासन की ओर से निर्गत किया जाएगा। इस बात की पुष्टि खुद परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने की है। महंत नरेन्द्र गिरि ने बताया कि प्रदेश सरकार ने तेरह करोड़ का बजट दिए जाने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि मंगलवार को इसकी घोषणा कर दी जाएगी।

पिछली बैठक में हुआ बहिष्कार

अखाड़ा परिषद की बैठक पिछले महीने सोलह मार्च को बड़ा उदासीन अखाड़ा के मुख्यालय में हुई थी। इसमें एक साल पहले अखाड़ों के स्थाई निर्माण को जो प्रस्ताव पारित किया गया था उसका समाधान ना होने पर परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर मेले के दौरान शाही स्नान के बहिष्कार का निर्णय लिया था। यही वजह थी कि बैठक समाप्त होते ही कमिश्नर डॉ। आशीष कुमार गोयल व डीएम सुहास एलवाई संत-महात्माओं को मनाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन वार्ता निरर्थक साबित हुई थी।

दिल्ली दरबार में बनी बात

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की अगुवाई में संत-महात्माओं के प्रतिनिधिमंडल 29 मार्च को नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इसमें मुख्य रूप से अखाड़ों को सुविधाओं दिए जाने की बात रखी थी। इस पर श्री शाह ने संतों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही आप की मांगों को पूरा किया जाएगा।

वर्जन

अखाड़ों के लिए जो प्रस्ताव पारित किया गया था उस पर शासन से सहमति मिल गई है। हम लोगों को बताया गया है कि एक या दो दिन में बजट एलाट कर दिया जाएगा।

-महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

Posted By: Inextlive