दो सौ मकान, एक हजार आबादी, एक हैंडपंप
- पुलिस लाइन परेड ग्राउंड का हाल
- मोटर जलने से सांसत झेल रहे हैं लोग, पानी के लिए मची है मारामारी GORAKHPUR: पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में रहने वाले लोगों को पानी का सितम झेलना पड़ रहा है। मोटर खराब होने के ख्ब् घंटे बीत गए, लेकिन अभी तक उसको ठीक नहीं कराया जा सका है। परेड ग्राउंड में रहने वाले पुलिस कर्मचारियों के फैमिली मेंबर्स का कहना है कि जीएमसी की तरफ से भी कोई इंतजाम नहीं किया गया। परेड ग्राउंड में दो सौ मकान में करीब एक हजार की आबादी रहती है। एक नल पर पानी के लिए मची मारामारीपुलिस परेड ग्राउंड के लोगों ने ट्यूजडे को बताया कि मंडे को पंप का मोटर जल जल गया। मोटर जलने से पानी की समस्या खड़ी हो गई। अचानक आई मुसीबत से निपटने के लिए लोग इकलौते हैंडपंप पर जा पहुंचे। मंडे को किसी तरह से काम चल गया, लेकिन ट्यूजडे को पानी भरने के लिए मारामारी मची रही है। पानी भरने को लेकर लोगों की बीच तू-तू मैं-मैं भी हो गई।
जीएमसी भी नहीं करता मदद, होते हैं परेशानमोटर खराब होने पर लोगों को पानी की समस्या झेलनी पड़ती है। लोगों का कहना है कि मोटर की मरम्मत की जिम्मेदारी आरआई की है। सूचना देने के बाद भी कोई इसको गंभीरता से नहीं लेता। पानी की समस्या खड़ी होने पर जीएमसी भी मदद नहीं करता। यदि सुबह एक दो टैंकर लगा दिए जाएं तो हैंडपंप से पानी भरने की किचकिच नहीं रहेगी।
यहां पर हैंडपंप का कोई इंतजाम नहीं है। एक हैंडपंप है वह भी गंदगी के बीच, जहां से पानी भरने में मुश्किल होती है। अंकित सुबह घंटों लाइन में लगने के बाद पानी मिल पाता है। मुंबई में जिस तरह से लोग पानी के लिए जूझते हैं। मोटर जलने के बाद यहां के हालात वैसे ही हो जाते हैं। निरजा ऑफिस जाना हो या कालेज, कोचिंग। सभी को जल्दी मची रहती है। ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले लोग तो आसानी से हैंडपंप का पानी भर लेते हैं, लेकिन फर्स्ट फ्लोर या सेकेंड फ्लोर से आकर एक बाल्टी पानी भरना मुश्किल होता है। पंकज सिंह पुलिस लाइन के भीतर मोटर की मरम्मत की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है। अभी तक इसकी सूचना नहीं थी। जीएमसी के अफसरों से बात करके मौके पर टैंकर का इंतजाम कराया जाएगा। डॉ। सत्या पांडेय, मेयर