PATNA : राजधानी में एलईडी असेंबलिंग के लिए एक दिन में कम से कम एक लाख चिप बनाई जाएगी। ये चिप करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से खरीदी गई अत्याधुनिक मशीन एसएमडी 'सर्फेस माउंट डिवाइस' से तैयार होगी। यह मशीन जापान या फिर जर्मनी से लाई जाएगी। इसके लिए उद्योग विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। इसका मकसद पटना में दम तोड़ चुके एलईडी बल्ब निर्माण कारोबार को फिर से जीवित करना है। विभाग का लगभग सर्वे कार्य पूरा हो चुका है और मुश्किल से 6 महीने के भीतर पटना सिटी एरिया के दीदारगंज में अत्याधुनिक मशीन की स्थापना कर दी जाएगी। खास बात यह है कि मशीन लगाने के बाद इसके संचालन और मेंटेनेंस की पूरी जिम्मेवारी कारोबारियों को सौंप दी जाएगी। इस मशीन के माध्यम से उन बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने की कोशिश की जाएगी जो हाल के दिनों में विद्युत बल्ब बनाने के कारोबार में सुविधा के अभाव में दिनोंदिन पिछड़ते जा रहे हैं।

जापान से आएगी मशीन

एसएमडी एक ऐसा अत्याधुनिक मशीन है जिसके माध्यम से एलईडी बल्ब में लगाए जाने वाला चिप तैयार किया जाता है। इस चिप के अभाव में कारोबार से जुड़े लोग एलईडी बल्ब की एसेंबलिंग नहीं कर पा रहे थे। दरअसल, उन्हें बिजली बल्ब के लिए दूसरी सामग्रियां तो आसानी से प्राप्त हो जा रही थीं लेकिन चिप की उपल?धता नहीं हो पा रही थी। इसलिए उद्योग विभाग एसएमडी मशीन को लगाए जाने की तैयारी कर रहा है जिससे एलईडी बल्ब के लिए चिप आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसके लिए बजट का निर्धारण हो गया है और करीब पांच करोड़ की लागत से यह उपकरण जापान या फिर जर्मनी से मंगाया जाएगा।

ऐसे चलेगा पूरा कारोबार

उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एलईडी बल्ब बनाने वाले 25 लोगों के एक समूह को चिप बनाने वाली एसएमडी मशीन दी जा सकती है। इसके लिए सरकार ने एक योजना भी बनाई है। अगर किसी क्षेत्र से 25 लोग एक यूनिट का निर्माण करते हुए आवेदन करेंगे तो उनके एरिया में बिजली का बल्ब बनाने वाली सीएमडी मशीन लगा दी जाएगी। शर्त यह होगी कि मशीन के मेंटेनेंस में आने वाला खर्च और उसके संचालन का खर्च व्यवसाय से जुड़े लोगों को ही देना पड़ेगा।

बिजनेस को मिलेगी उड़ान

विभाग को उम्मीद है कि अगर एलईडी बनाने वाली मशीन से कारोबार से जुड़े लोगों में रुझान बढ़ा तो इसका कारोबार शहर के दूसरे हिस्सों में भी बढ़ाया जा सकता है। कई राज्यों में इस एलईडी बल्ब की कीमत यहां से अधिक है। ऐसे में बिहार से तैयार एलईडी बल्ब को उन राज्यों में भी आपूर्ति के लिए भी पहुंचाया जा सकता है। फिलहाल, उपकरण के लगने के बाद तैयार होने वाले एलईडी बल्ब की मार्केटिंग शुरूआती दौर में व्यापारी करेंगे लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे सरकारी मदद भी दी जा सकेगी।

सीएम कलस्टर विकास योजना के तहत एलईडी बल्ब के लिए चिप बनाने वाली मशीन आयात की जाएहगी। यह उपकरण जापान या फिर जर्मनी से मंगाया जा सकता है। अधिकतम 6 माह के भीतर इस मशीन को स्थापित करने की उम्मीद है।

उमेश कुमार, महाप्रबंधक, बिहार उद्योग सेवा

Posted By: Inextlive