सरकार को 24 मई तक का मौका, अन्य मुआवजे पर सरकार से मांगा जवाब

झूंसी में छात्रा के साथ हुई थी शर्मनाक घटना

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झूंसी गैंगरेप पीडि़ता मेडिकल छात्रा को आर्थिक मदद की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार को 24 मई तक एक लाख रुपय की मंजूरी देने का निर्देश दिया है और अन्य कानूनों के तहत मुआवजे के भुगतान को लेकर हलफनामा मांगा है.

दिल्ली कांड जैसा था केस

यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर तथा जस्टिस एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनील चौधरी की जनहित याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि दिल्ली की निर्भया गैंगरेप की तरह ही झूंसी में एक मेडिकल छात्रा को बस से उतारकर कार में ले जाकर मारपीटा गया और गैंगरेप किया गया. चिल्लाने पर सिगरेट से दागा और चेहरे पर तेजाब फेंकने की धमकी दी. इसके विरोध में पूर्व कमिश्नर बादल चटर्जी, आरएस वर्मा, पूर्व डीआईजी अशोक कुमार शुक्ला ने याची व सैकड़ों लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन भी किया. पुलिस द्वारा ठोस कार्यवाही न होने पर याचिका दाखिल की गयी. राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि रानी लक्ष्मी बाई राहत कोष से एक लाख रुपये मुआवजे की मंजूरी दे दी गयी है. चार्जशीट दाखिल होने पर 6 लाख रुपये अतिरिक्त दिये जायेंगे. कोर्ट ने अन्य कानूनों के तहत ऐसे मामलों में दिया जाने वाला मुआवजा देने पर भी सरकार को विचार करने को कहा है. और कृत कार्यवाही 24 मई तक हजलफनामे के जरिये दाखिल करने को कहा है. सुनवाई 24 मई को होगी.

Posted By: Vijay Pandey