- ग्राम पंचायत बिलहरा में वर्ष 2014 में मनरेगा कार्यो में फर्जीवाड़ा पर हुई थी वसूली

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BAREILLY: मनरेगा में लगातार खुल रहे घोटालों की फेहरिस्त में अब एक नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मनरेगा घोटाले में जिस ग्राम पंचायत में पिछले वर्षो में घोटाला पकड़ा गया था, दोषियों से वसूली भी की गई थी। साल भर गुजरने के बाद अब उसी ग्राम पंचायत में ऑडिट रिपोर्ट ने मनरेगा कार्यो में फर्जीवाड़ा की पुष्टि की है। ढाई लाख रुपए के गबन का आरोप संबंधित ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान पर लगाया गया है। अधिकारियों ने मामले की जानकारी होते ही जांच के निर्देश दे दिए हैं।

दोबारा हुआ घोटाला

विकासखंड फतेहपुर के ग्राम पंचायत बिलहरा में वर्ष 2014 में मनरेगा कार्यो के अंतर्गत बड़े पैमाने पर सरकारी रकम के दुरुपयोग का मामला सामने आया था। तत्कालीन अधिकारियों ने आरोपों की जांच की तो आरोप सही पाए गए। जिसके संबंधित दोषियों से 87,676 रुपए वसूली की गई थी। लेकिन अभी साल भर नहीं गुजरा कि इसी ग्राम पंचायत में सोशल ऑडिट के दौरान मनरेगा के विविध कार्यो के तहत 18700, 87272, 4680, 130706 रुपए कुल योग करीब ढाई लाख रुपए के गोलमाल का मामला संज्ञान में आया। आडिटर्स के खुलासे में संबंधित ग्राम विकास अधिकारी और प्रधान पर आरोप हैं।

दिए जांच के निर्देश

वित्तीय वर्ष 2015-16 में हुए मनरेगा कार्यो के ऑडिट के दौरान आडिटर्स ने रिपोर्ट सक्षम अधिकारियों को सौंप दी है। साथ ही कार्रवाई करने की संस्तुति भी की है। सीडीओ और जिला कार्यक्रम समन्वयक को आडिटर्स ने संबंधित मामले की जांच कर दोषियों पर विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिस पर सीडीओ ने संबंधित बीडीओ, एडीओ, सचिव और प्रधान को हफ्ते भर का समय देते हुए मामले पर जवाब तलब किया है। हालांकि, अभी तक संबंधित मामले पर कोई जवाब किसी ने नहीं सौंपा है। बता दें कि यदि अधिकारी जवाब नहीं देंगे तो मामला गबन का मानकर वसूली की जाएगी।

मामला संज्ञान में है। संबंधित अधिकारियों को नोटिस दिया गया है। संतोषजनक जवाब न दिए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शिव सहाय अवस्थी, सीडीओ

Posted By: Inextlive