PATNA : प्याज की कीमत आसमान छू रही है. कंज्यूमर्स को प्याज खरीदने में आंसू आ रहे हैं. कॉमन पब्लिक को आशंका है कि सावन के बाद प्याज की खपत बढऩे के कारण रेट और ज्यादा बढ़ेंगे. यहां यह बताना लाजिमी है कि प्याज की कीमत का सावन से कोई लेना-देना नहीं बल्कि गुजरात से प्याज नहीं आने के कारण कीमत तेजी से बढ़ी है.


नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड के सीनियर ऑफिसर पीके बेरा ने बताया कि प्याज की फसल नासिक के अलावे गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक में भी होती है। बिहार के मार्केट में नासिक के अलावे गुजरात से भी प्याज आता है। मगर लास्ट ईयर फसल ज्यादा होने के कारण गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक के किसानों को अच्छी कीमत नहीं मिल पाई थी। इस कारण उन्होंने फसल कम लगाई और बिहार में गुजरात के प्याज नहीं पहुंच पाए। इधर सबसे बड़े उत्पादक नासिक डिस्ट्रिक्ट में जून-जुलाई में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल का नुकसान हुआ। कम पैदावार के कारण नासिक से पर्याप्त प्याज मार्केट में नहीं पहुंच पाया। बिहार में इन सब वजह से इसकी कीमत बेतहाशा बढ़ी है। मिडिलमेन काट रहे चांदी


विक्रेता रामाधार ने बताया कि मार्केट में जैसे ही प्याज की आवक कम होने लगी इसका फायदा उठाने के लिए बिचौलियों ने स्टॉक कर लिया और प्याज की शार्टेज और बढ़ा दी। इसके बढ़े रेट का फायदा फुटकर सब्जी विक्रेताओं को नहीं मिलता। थोड़ा फायदा किसानों को होता है मगर सबसे ज्यादा फायदे में मिडिलमेन होते हैं। नहीं है रेट कंट्रोल अथॉरिटी

पटना में फल सब्जियों और एग्री प्रोड्यूस का कोई रेट कंट्रोल अथॉरिटी नहीं है। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर एम सरवणन ने बताया कि बाजार समिति तो 2006 में ही डिफंक्ट हो गई थी। उसके बाद से ऐसी कोई अथॉरिटी नहीं बनी। हमलोग इस पर काम कर रहे हैं और एग्री प्रोड्यूस बढ़ाने के साथ ही रेट कंट्रोल अथॉरिटी बनाई जाएगी। अभी नहीं कम होगी कीमत फिलहाल प्याज का रेट घटने काआसार नहीं है। सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से भी कम पैदावार के बावजूद प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक नहीं लगाई गई। अब जब भाव आसमान छू रहे हैं तब नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नाफेड) आयात करने की सोच रहा है। इससे रेट पर कितना फर्क पड़ेगा कहना मुश्किल है। जानकारों का कहना है कि अक्टूबर में जब मार्केट में प्याज पहुंचने लगेंगे तभी रेट घट पाएंगे। Highlights- लास्ट ईयर गुजरात के प्याज के कम दाम मिलने के कारण इस बार फसल कम लगाई गई। - कम पैदावार के कारण गुजरात से प्याज नहीं आए। - भारी बारिश के कारण प्याज के सबसे बड़े उत्पादक नासिक से आवक कम हुई। - मिडिलमेन ने इस सिचुएशन का फायदा उठाकर प्याज का स्टॉक कर लिया। - कम पैदावार के बावजूद प्याज के एक्सपोर्ट पर नहीं लगाई गई रोक। - अब नाफेड प्याज इंपोर्ट करने की सोच रहा।

- अक्टूबर में हरे प्याज आने के बाद ही नॉर्मल हो सकते हैं रेट। - फिलहाल खुदरा में प्याज बिक रहा 60 रुपए प्रति किलो।

Posted By: Inextlive