Varanasi: सब्जी से लेकर दाल फ्राई तक में यूज होने वाला प्याज इन दिनों ग्राहकों का भेजा फ्राई किये है. प्याज के रेट ने हाफ सेंचुरी पूरी कर ली है. प्याज के बढ़ते रेट ने आम पब्लिक की टेंशन बढ़ा दी है. टेंशन इस बात की कि प्याज रेट ने खाने का जायका बिगाड़ दिया है. इसकी परचेजिंग बजट की ऐसी की तैसी कर दे रहा है. प्रेजेंट टाइम में रिटेल मार्केट में प्याज का रेट 50 से 60 रुपये के बीच में चल रहा है. जिसके चलते प्याज लोगों के बीच में एक बार फिर से चर्चा का विषय है.


परेशानी है ज्यादा प्याज का रेट दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। तीन दिन पहले ही जहां प्याज का रेट रिटेल मार्केट में 42 से 45 रुपये के बीच था। वहीं संडे से ये रेट 50 से 60 रुपये के बीच जा पहुंचा है। मंडी के होलसेलर्स की मानें तो अभी प्याज का रेट 65 से 70 रुपये तक पहुंचने के पूरे चांसेज है। पब्लिक प्याज के बढ़ते रेट की वजह इसकी जमाखोरी मान रही है लेकिन प्याज सेलर्स इसके पीछे की वजह और कुछ ही बता रहे हैं। होलसेलर राजेन्द्र सोनकर का कहना है कि प्याज की आवक बहुत कम है। चूंकि प्याज नासिक और एमपी से आता है और इन दोनों जगहों पर इस साल जमकर बरसात हो गई है। इस वजह से प्याज की खेती पर गहरा असर पड़ा है। जमाखोरी तो नहीं है वजह?
प्याज के आसमान छू रहे रेट के पीछे कहीं जमाखोरी तो नहीं? इस सवाल के जवाब में मंडी परिषद के सचिव सुभाष सिंह का कहना था कि प्याज की जमाखोरी करने वालों पर हमने काफी हद तक नकेल कसी है। इसी वजह से पिछले दिनों करोड़ों रुपये का डंप प्याज पकड़ा भी गया था। जिसके बाद से कहीं भी प्याज को स्टोर करके नहीं रखा जा रहा है। मंडी सचिव के मुताबिक प्याज का रेट नासिक और एमपी से प्याज की कम खेप आने के चलते बढ़ रहा है। वहां के व्यापारी भी कम फसल होने और बारिश में प्याज की फसल बर्बाद हो जाने का रोना लेकर बैठें हैं और ज्यादा रेट वसूल रहे हैं। इसी वजह से मंडियों से रिटेलर्स को प्याज ज्यादा रेट पर दिया जा रहा है और रिटलर्स भी अपना मुनाफा रखकर प्याज महंगे रेट पर बेच रहे हैं।

Posted By: Inextlive