देश की सबसे बड़ी प्‍याज मंडियों में प्‍याज की आवक कम होने से दिल्‍ली में प्‍याज की कीमतें 60 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं. आशंका है कि जल्‍दी ही देश के अन्‍य हिस्‍सों में प्‍याज की कीमतें बढ़ सकती हैं. प्‍याज कीमतों में बढ़ोतरी के लिए कालाबाजारियों की सक्रियता से इनकार नहीं किया जा सकता.


आपूर्ति घटी, दाम बढ़ेदिल्ली और आसपास के इलाकों में प्याज की आपूर्ति करीब 11,450 क्विंटल से घटकर करीब 6,000 क्विंटल रह गई है. इससे रिटेल में प्याज की कीमतें 60 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं. हालांकि मदर डेयरी के सफल स्टोरों में भी प्याज कीमतों में इजाफा हो गया है फिर भी खुले बाजार की तुलना में यहां थोड़ा सस्ता 45 रुपये किलो तक प्याज बिक रही है. आजादपुर सब्जी मंडी में प्याज व्यापारियों के एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र बुद्धिराजा ने कहा कि होल सेल में प्याज कीमतें 40 से 45 रुपये किलो पहुंच गई हैं. ऐसा पिछले सप्ताह से प्याज आपूर्ति में कमी की वजह से हुआ है. आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों से सितंबर-अक्टूबर में नई फसल आने पर प्याज कीमतों में गिरावट आ सकती है.जरूरी है सरकार की मुस्तैदी
खबर है कि कालाबाजारी और जमाखोर ऐसे मौकों हमेशा ताक में रहते हैं. परेशानी थोड़ी हो लेकिन वे कृत्रिम कमी दिखाकर प्याज के भाव ज्यादा बढ़ा देते हैं. धीरे-धीरे स्टॉक क्लीयर करते हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें. इसके लिए सरकार को मुस्तैद रहना होगा और जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी. सरकार अपने स्टोरों से भी प्याज की बिक्री करके इस संकट को दूर कर सकती है. हालांकि इसके बावजूद प्याज की कीमतें नई फसल आने तक पुरानी कीमतों से ज्यादा पर ही मिलेगी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh