यह बात सुनकर आप भले ही चौंक रहे हों लेकिन भारतीयों के मामले में यह बात पूरी तरह सही है कि भारत में ज्‍यादातर पुरुषों को अपनी पत्‍नी की ड्राइविंग पर भरोसा नहीं है। यानि कि अगर उनकी वाइफ गाड़ी चला रही हो तो हमेशा एलर्ट मोड में रहते हैं और शायद कभी कभी भगवान को भी याद करते रहते हैं। पुरुषों की ऐसी सोच उस सर्वे में सामने आई है जो एक कार कंपनी ने हाल ही में भारत में कराया है।

ड्राइविंग के मामले में भारतीय पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं पार्टनर पर करती हैं ज्यादा यकीन

ग्लोबल ऑटो निर्माता कंपनी निसान इंडिया ने हाल ही में भारत के 20 राज्यों में भारतीय परिवारों की ड्राइविंग हैबिट्स को लेकर एक सर्वे कराया। 'निसान कनेक्टेड फैमलीज' के नाम से हुए इस सर्वे में 2 हजार से ज्यादा पुरुष और महिलाओं से ड्राइविंग को लेकर तमाम सवाल पूछे गए, लेकिन उनके जवाबों से जो रिजल्ट सामने आया, वो काफी चौंकाने वाला है। इस सर्वे में 64 परसेंट भारतीय महिलाओं ने माना कि उन्हें अपने पति की ड्राइविंग पर पूरा भरोसा है। जबकि पुरुषों की सोच इस मामले में बिल्कुल उलट साबित हुई। यानि कि भारत के करीब 37 परसेंट पुरुषों ने ही माना कि वो अपनी पत्नी की ड्राइविंग को सेफ और भरोसेमंद मानते हैं। इस रिजल्ट को सुनकर कुछ लोग कहेंगे कि जब सिर्फ 37 परसेंट पुरुष ही अपनी पत्नी की ड्राइविंग पर भरोसा करते हैं तो बाकी बचे हुए लोग पत्नी द्वारा कार चलाते वक्त क्या सिर्फ भगवान भरोसे ही बैठते हैं?

पूरे देश में सबसे ज्यादा उत्तर भारतीय ही ड्राइविंग के दौरान करते हैं मोबाइल का इस्तेमाल

इस ड्राइविंग हैबिट सर्वे में उत्तर भारतीयों की एक सबसे खराब आदत का खुलासा हो गया है। उत्तर भारत के 62 परसेंट लोगों ने माना कि ड्राइविंग के दौरान वो मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। जबकि दिल्ली के 63.7 परसेंट लोगों ने ड्राइविंग के दौरान मोबाइल के इस्तेमाल की बात स्वीकारी। दूसरी ओर साउथ इंडिया में 52 परसेंट लोगों ने ही माना के वो कार या बाइक चलाते वक्त मोबाइल फोन का यूज करते रहते हैं।

 

दिल्ली के आधे से ज्यादा लोग ओवर स्पीड में ही करते हैं ड्राइविंग

निसान द्वारा कराए गए इस सर्वे में कई बातें सामने आईं, जो हम आपको सोचने पर मजबूर करती हैं। सर्वे में एक बड़ी बात सामने आई कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब आधे से ज्यादा यानि 51 परसेंट लोग हमेशा ही ओवर स्पीड में ड्राइविंग करते हैं। यही नहीं देश के पूर्वी और पश्चिमी राज्यों में करीब 60 परसेंट लोगों ने बताया कि उनके बच्चों द्वारा रैश ड्राइविंग करने की जानकारी उन्हें अपने पड़ोसियों से मिली। पश्चिमी राज्यों के 30 परसेंट लोगों ने कहा कि खराब ड्राइविंग के चलते उन्हें पुलिस की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।

Posted By: Chandramohan Mishra