-शराबबंदी से बेरोजगार हुए लोगों को सरकार दे रही है रोजगार

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द्दन्ङ्घन्/क्कन्ञ्जहृन् : जब राज्य की कमान संभाली थी तो साढ़े बारह परसेंट बच्चे स्कूल से बाहर थे। इनमें सबसे ज्यादा एससी-एसटी और अल्पसंख्यक बच्चे थे। आज यह संख्या घटकर एक परसेंट रह गई है। 22 हजार से ज्यादा स्कूल खोले गए। लाख से ज्यादा कमरे बनाए गए। 20 हजार से ज्यादा टोला सेवकों की बहाली की गई। ये बातें सीएम नीतीश कुमार ने कही। वे बुधवार को गया के गांधी मैदान में जदयू के एससी-एसटी के प्रमंडलीय सम्मेलन में बोल रहे थे.साथ ही उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के प्रति अब अपनी नजरिया बदलिए। जितना हमने किया, किसी ने नहीं किया। जब से काम करने का मौका मिला है प्रतिबद्ध होकर न्याय के साथ विकास कर रहे हैं।

हल्ला कम, काम ज्यादा करते हैं

सीएम ने कहा कि पूर्व की सरकारों में एससी, एसटी हासिए पर रहे, लेकिन आज उनके साथ न्याय हो रहा है। जितना हमने 13 वर्षो में कर दिया, किसी ने नहीं किया। कुछ पार्टियों के नेता काम कम, हल्ला ज्यादा करते हैं। लेकिन हम काम ज्यादा, हल्ला कम करते हैं। यही वजह है कि मुझे एससी-एसटी विरोधी कहा जाता है।

समाज में हुआ व्यापक बदलाव

सीएम ने कहा कि सरकार की योजना, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, हर घर नल, शराबबंदी, परिवहन, रोजगार आदि योजनाओं का लाभ एससी, एसटी तक पहुंचाने के लिए राज्य में साढ़े नौ हजार विकास मित्र की बहाली की गई। एससी-एसटी विद्यालयों को कक्षा +2 तक कर किया गया। सरकारी और गैर सरकारी स्तर से समाज में व्यापक बदलाव हुआ है।

8 लाख स्वयं सहायता समूह गठित

सीएम ने कहा कि 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन करने का लक्ष्य है। इनमें से 8 लाख का गठन किया जा चुका है। 83 लाख महिलाएं और परिवार इन समूहों से जुड़ गई हैं। गया में आकर जीविका की महिलाओं से बात की है। सात निश्चय योजना से सबका विकास हुआ है। उन्होंने पर्वत पुरुष दशरथ मांझी को भी याद किया। इस मौके पर मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, रमेश ऋषिदेव, सांसद आरसीपी सिंह, पूर्व मंत्री श्याम रजक सहित विधायक और पूर्व विधायक मौजूद थे।

Posted By: Inextlive