-कई माह पहले शुरू हुई थी कवायद, अब तक नहीं पूरा हो सका है सपना

-रेलवे ने डीपीआर तैयार कर भेज दिया है प्रपोजल

GORAKHPUR एनई रेलवे में नए ट्रैक और उन पर रेल गाडि़यां देखने के लिए अभी लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। नई रेलवे लाइन के प्रपोजल से लेकर सर्वे तक का काम पूरा हो चुका है, यहां तक कि डीपीआर भी मंत्रालय को भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक नए ट्रैक बिछाने का काम शुरू नहीं हो सका है। एनई रेलवे के नए ट्रैक फिलहाल सर्वे तक ही सिमटे हैं। सहजनवा-दोहरीघाट हो या आनंद नगर-घुघली, बस्ती-कपिलवस्तु हो या खलीलाबाद-बहराइच-भिंगा सभी जगहों पर नई रेल लाइन के लिए अभी लोगों की उम्मीद पूरी नहीं हो सकी है। रेलवे के पाले से गेंद निकलकर मंत्रालय के पास पहुंच चुकी है, लेकिन अब तक जिम्मेदारों को हरी झंडी का इंतजार है।

पांच साल पहले हुआ था सर्वे

नई रेलवे लाइंस का सर्वे तो खूब हुआ है, लेकिन अब तक यह कहीं बिछ नहीं सकी हैं। सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन के लिए तो पांच बार सर्वे किया गया। 1988- 89 में तत्कालीन रेलमंत्री महावीर प्रसाद ने भी बांसगांव एरिया में नई रेल लाइन के लिए सर्वे कराया था। इसके बाद मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया। काफी कोशिशों के बाद जनप्रतिनिधियों और आम जनता की मांग पर रेल मंत्रालय ने पिछले बजट में सहजनवा-दोहरीघाट रेल लाइन के लिए 743.55 करोड़ रुपए स्वीकृत किए, इसके बाद फिर सर्वे हुआ। लेकिन योजना अब तक परवान नहीं चढ़ सकी। यहां तक कि रास्ते में पड़ने वाले लगभग एक दर्जन स्टेशनों को चिह्नित भी कर लिया गया था, मगर इंतजार अब भी जारी है।

ट्रेन दौड़ने के इंतजार में लोग

जो हालत सहजनवा की हुई है, कमोबेश वहीं हालात महराजगंज के रास्ते आनंदनगर-घुघली 50 किमी, खलीलाबाद-बखिरा-बांसी-बहराइच-भिंगा 120 किमी और बस्ती-कपिलवस्तु के लिए प्रपोज्ड नई रेल लाइन की भी है। इस इलाके के लोग एडवांस एरा में भी बस के धक्के खाने का मजबूर हैं और उन्हें आज भी रेल गाडि़यों को अपने इलाके से होकर गुजरते देखने का इंतजार है। 5 मई 2018 को रोजाना चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने गोरखपुर आए रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने इन सभी नई रेल परियोजनाओं को जल्द शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन तीन माह से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अब तक लोगों की आस पूरी नहीं हाे सकी है।

आरओआर में फंसी नई रेल लाइनें

नई रेलवे लाइंस को लेकर रेलवे से जुड़े सोर्सेज की मानें तो पूर्वाचल की सभी अहम नई रेल लाइनें रेट ऑफ रिटर्न (आरओआर) में फंसी हैं। एनई रेनवे एडमिनिस्ट्रेशन से डीपीआर मिलने के बाद रेलवे बोर्ड ने फ्यूचर में इन रेल लाइनों की उपयोगिता जांचने के लिए आरओआर सर्वे कराया। इस रिपोर्ट में रेलवे को निगेटिव फीडबैक मिला है। इसके मुताबिक इन रेल लाइनों से रेलवे को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सर्वे में इन परियोजनाओं के आरओआर रिपोर्ट जीरो परसेंट से भी कम आए हैं। जबकि कोई भी रेल परियोजना शुरू करने से पहले आरओआर रिपोर्ट कम से कम 14 फीसद होना जरूरी है। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने इन नई रेल लाइनों को लेकर फिलहाल सोचना बंद कर दिया है।

यह है मुख्य ट्रैक

सहजनवां-दोहरीघाट

आनंदनगर-घुघली

बस्ती-कपिलवस्तु

खलीलाबाद-बहराइच-भिंगा

वर्जन

रेलवे बोर्ड को डीपीआर भेजा जा चुका है। बोर्ड की स्वीकृत मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसके बाद लोगों को नई रेलवे लाइन मिल सकेगी।

- संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive