क्कन्ञ्जहृन्: 2017 के वर्षा और तापमान की तुलना यदि इस वर्ष से करें तो पता चलता है कि इसमें भारी अंतर है। जहां 2017 में 20 जुलाई तक बारिश 243.6 एमएम हो चुकी थी वहीं इस वर्ष यह मात्र 70.6 एमएम रिकॉर्ड की गई है। यह बीते पांच वर्षो में सबसे कम वर्षा को दर्शाता है। क्योंकि 20 जुलाई तक वर्षा का नॉर्मल रेंज 355.6 एमएम है। इस प्रकार इसमें इस वर्ष 80 प्रतिशत की रिकॉर्ड कमी है। जबकि इससे पहले 2017 में 31 प्रतिशत की कमी, 2016 में 8 प्रतिशत की कमी और 2015 में यह मात्र 27 प्रतिशत की कमी रही।

बीमारी का कारण बना मौसम

पटना में जुलाई का महीना प्राय: बारिश की बूदों से पूरी तरह से भींगने का होता है। लेकिन बारिश न होने और गर्मी के कहर की वजह से यह बीमारियों का कारण बन गया है। खास तौर पर बच्चों के लिए यह खतरे का समय है। पीएमसीएच में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ विनय कुमार ने बताया कि बच्चों में डायरिया, मेनिनजाइटिस, हीट स्ट्रोक, उल्टी, दस्त, सांस फूलने आदि की समस्याएं आ रही है। यह आम दिनों की तुलना में करीब 40 प्रतिशत बढ़ गया है।

Posted By: Inextlive