रांची: झारखंड में एक्टिव 39 बड़े आर्गेनाइज्ड गैंग व उनसे जुड़े 704 हार्ड कोर अपराधियों की अब खैर नहीं. चुनाव के रिजल्ट के साथ ही इनके खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया जाएगा. इन गिरोहों और अपराधियों के खिलाफ सीआईडी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर रही है. सीआईडी मुख्यालय ने राज्य के सभी जिलों के क्राइम ब्रांच प्रभारियों से इन गैंगों में शामिल अपराधियों की वर्तमान स्थिति, उनके जेल में रहने या बाहर होने, जमानतदार, परिजनों की लोकेशन आदि जानकारियां मांगी हैं. इन गैंग के सरगना, उनके गुर्गो के खिलाफ दर्ज मामलों व उनकी एक्टिविटी की भी रिपोर्ट मांगी है. इस ऑपरेशन में सीआईडी, एसटीएफ और जिला पुलिस की ज्वाइंट टीम एक साथ काम करेगी.

घोषित होगा ईनाम

रिपोर्ट मिलने के बाद फरार अपराधियों पर ईनाम घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी. सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक बड़े अपराधियों के खिलाफ दर्ज केस की समीक्षा कर उसका स्पीडी ट्रायल भी कराया जाएगा.

इनका चलता है सिक्का

लखन सिंह: रांची का गैंगस्टर लखन सिंह साल 2013 में तुपुदाना ओपी के हाजत से फरार हो गया था. व्यवसायी राजू धानुका हत्याकांड के बाद चर्चा में आए लखन ने पुलिस से बचने के लिए अपनी ही मौत की झूठी कहानी भी गढ़ी थी. सीआईडी मुख्यालय ने लखन सिंह और उसके गिरोह के 26 अपराधियों की गतिविधि की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है. लखन का भाई गेंदा सिंह उसके गिरोह की कमान संभाल रहा है. वर्तमान में वह जेल में बंद है. लवकुश शर्मा: पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र सिंह से एक करोड़ की रंगदारी मांगने और पैसे नहीं देने पर गोली चलाने समेत हत्या, रंगदारी व आ‌र्म्स एक्ट के कई मामलों में लवकुश के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. सीआईडी ने लवकुश व उसके भाई विपिन, गैंग के सहयोगी अंश शर्मा समेत 23 अपराधियों की एक्टिविटी कीरपोर्ट मांगी है.

नरेश सिंह उर्फ बुतरू: जगन्नाथपुर इलाके में रहने वाला नरेश सिंह पूर्व में चौहान गिरोह का मेन शूटर था. चौहान बंधुओं के मारे जाने के बाद नरेश जमीन कारोबार से जुड़ा है. नरेश और उसके गिरोह के छह अपराधियों की जानकारी सीआईडी व क्राइम ब्रांच जुटा रही है.

संदीप थापा: संदीप थापा हाल ही में रांची के बिरसा मुंडा जेल से जमानत पर छूटा है. आजसू नेता विजय यादव समेत कई हत्याकांड के आरोपी संदीप के गिरोह में 29 अपराधी हैं. संदीप और उसके गिरोह के खिलाफ रांची के कोतवाली, सुखदेवनगर, पंडरा, कांके, लालपुर समेत कई थानों में एफआईआर दर्ज.

बिट्टू मिश्रा: संदीप थापा गिरोह के प्रतिद्वंदी बिट्टू मिश्रा और उसके गिरोह के छह अपराधियों को चिन्हित किया गया है. बिट्टू भी वर्तमान में जमीन और सूद के कारोबार से जुड़ा है.

उम्रकैदी तक का गिरोह सक्रिय

उम्रकैद की सजा काट रहे अनिल शर्मा और सुरेन्द्र बंगाली के गिरोह भी राजधानी में सक्रिय हैं. इनके अलावा जिन दो गैंगस्टरों की हत्या की जा चुकी है उनके गिरोह भी शहर और आसपास के इलाकों में खासा एक्टिव हैं. इनमें कोयलांचल के गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की मौत के बाद उसका बेटा अमन श्रीवास्तव गैंग का कमान संभाले हुए है. वहीं भोला पांडेय और किशोर पांडे की हत्या के बाद विकास तिवारी के हाथ में गैंग की कमान है. अमन के गैंग ने हाल में लातेहार में कोल साइडिंग में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. अमन के गिरोह के अपराधियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.

अखिलेश, डबलू भी टारगेट पर

पुलिस के लिए यह कार्य आसान नहीं होगा. राजधानी के साथ साथ राज्य के बड़े गैंगस्टर अखिलेश सिंह, कुणाल सिंह उर्फ डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा व संथाल में साइबर अपराध करने वाले अपराधियों के गिरोह की भी जानकारी सीआईडी ने मांगी है. सीमित पुलिस फोर्स में इतने बड़े टास्क को अंजाम तक पहुंचाना पुलिस अधिकारियों के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha