बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता बॉक्सर विजेंदर सिंह कहते हैं कि बीजिंग खेलों के बाद देश में खेल का माहौल बदला है और अब बाकी खेलों में भी पैसा और शौहरत दोनों हैं.

विजेंदर कहते हैं, “ये कहना ग़लत होगा कि क्रिकेटरों को ही सब कुछ मिलता है। अब दूसरे खेलों को भी मिलता है, अब साइना नेहवाल, सानिया मिर्ज़ा और लिएंडर पेस जैसे कितने सारे नाम हैं जिनको लोग जानते हैं.” विजेंदर कहते हैं कि हर खेल की क्रिकेट के साथ तुलना की जाती है और क्रिकेट को ही दोष दिया जाता है और ये ग़लत है।

विजेंदर कहते हैं, “स्पॉसंर हासिल करना खिलाडी़ के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। क्रिकेट में भी कुछ ही सितारे हैं जैसे सचिन, सहवाग, धोनी और युवराज। लेकिन इनके अलावा बहुत से ऐसे भी खिलाड़ी है जो इतने प्रसिद्ध नहीं हैं। अगर हम जीतेगें नहीं तो मीडिया क्या दिखाएगा.”

विजेंदर कहते हैं कि क्रिकेट ने अपने आप को स्थापित किया है लोगों ने क्रिकेटरों को 1982 की विश्व कप के बाद सिर माथे पर बिठाया है। बाकि खेलों ने बीजिंग में अच्छा प्रदर्शन किया और उसी वजह से माहौल बदला है।

विजेंदर कहते हैं, “भारत एक ऐसा देश हैं अगर आप जीतकर आएंगे तो आपको हर कोई सलाम करेगा आपके पीछे स्पॉसर आएंगे। आप जीतते रहेंगे तो आपको सब कुछ मिलेगा.”

विजेंदर उदहारण देते हुए कहते हैं, “अब देखिए पटियाला में हमारा कैंप हैं। 2008 से पहले यहां बॉक्सरों के पास एक भी गाड़ी नहीं होती थी लेकिन आज आप देखें तो लाइन से दस गाड़ियां खड़ी होती हैं। अब बॉक्सिंग में पैसा आया है.” विजेंदर ने लंदन ओलंपिक खेलों के लिए क्वालिफ़ाई नहीं किया है लेकिन वो इस बात से चिंतित नहीं है।

वे कहते हैं, “ओलंपिक के लिए देर से क्वालिफाई करना भी फ़ायदेमंद हो सकता हैं क्योंकि अगर मैं अप्रैल में क्वालीफाई करता हूं तो इसके नज़दीक ही ओलंपिक हैं तो ऐसे में फॉर्म बरकरार रखना आसान है.” विजेंदर ने भरोसा जताया कि वो लंदन का टिकट हासिल कर लेगें और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

Posted By: Inextlive