- बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में भी पीएम की पाठशाला

- स्कूलों में लाइट नहीं, बच्चों को दिखाने के लिए टीवी भी नहीं है

- सुबह सात से लेकर शाम पांच बजे तक स्कूलों में रुकने के आदेश

Meerut: टीचर्स डे पर पीएम की पाठशाला सरकारी प्राइमरी स्कूलों के इन्वॉल्वेशन विभाग और शिक्षकों के गले की फांस बन गया है। सीबीएसई स्कूलों में इसकी खासी व्यवस्था हो सकती है, लेकिन यूपी सरकार के प्राइमरी स्कूलों में इसकी व्यवस्था कैसे होगी। जहां बिजली और पानी की सही व्यवस्था नहीं होती, वहां पीएम की पाठशाला लगाना इतना आसान नहीं है। सबसे बड़ा सवाल छोटे बच्चों को शाम पांच बजे तक टीचर कैसे रोक पाएंगे।

ये होगा सीन

सूबे में सभी जिलों के बेसिक स्कूलों को भी पीएम की पाठशाला के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। टीचर्स को सुबह सात बजे से लेकर शाम पांच बजे तक रुकने के निर्देश हैं। साथ ही बच्चों को पीएम की पाठशाला में मौजूद रखने के लिए भी निर्देश हैं। पीएम को किसी तरह बच्चों से मुखातिब कराने के लिए प्रबंध करने को कहा गया है। यह निर्देश तो जारी कर दिए गए, लेकिन हालात यहां सीबीएसई स्कूलों जैसे नहीं हैं। जहां बच्चों को मिड-डे मिल खाकर पढ़ाई करनी पड़ती है वहां पीएम की पाठशाला उनके लिए क्या मायने रखेगी।

कैसे चलेगी पाठशाला

प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा तो सही मिल नहीं पा रही, उनके लिए बिजली पानी और बैठने तक की कोई खास व्यवस्था नहीं होती। जहां सुबह सात बजे से लेकर बारह बजे तक मिड-डे मिल ही बनता रहता है। जहां बच्चे टीचर का नाम सही से नहीं ले पाते उनको पीएम की पाठशाला में शामिल करने के निर्देश है। बच्चों को पीएम के बारे में पता तक नहीं है और उनको पाठशाला में शामिल करने की बात चल रही है। इन स्कूलों में बिजली के कनेक्शन और इंटरनेट की दूर तक व्यवस्था नहीं है। दूरदर्शन पर प्रजेंटेशन होगा एंटीना चल सकता है, पर अब तो एंटीने ही गायब हो गए।

कैसे रुकेंगे बच्चे

प्राइमरी स्कूलों में सुबह सात बजे से लेकर बारह बजे तक बच्चों को मिड-डे मिल के भरोसे रोका जाता है। इस दिन तो शाम को पांच बजे तक रुकना है। इसके लिए मिड-डे मिल दिन में कम से कम दो बार तो बनाया जाएगा। वहीं शिक्षक इन बच्चों को पाठशाला में शामिल करने के लिए व्यवस्था कैसे करेंगे। प्राइमरी में पीएम की पाठशाला को लेकर टीचर्स का कहना है कि यह किसी भी हद तक संभव नहीं है, कि बच्चों को शाम पांच बजे तक रोका जा सके। अगर स्कूल दोपहर का होता तो शाम तक रोकने की व्यवस्था हो सकती थी। फिर भी टीवी और एंटीने की कैसे व्यवस्था होगी।

इसके लिए शासनादेश डीआईओएस और बीएसए को दे दिए गए हैं। बेसिक स्कूलों में बच्चों को रोकना आसान नहीं है, इसलिए इनके समय में बदलाव हो सकता है। जो भी शासनादेश आएंगे उनको बेसिक शिक्षा अधिकारी को बता दिया जाएगा।

- पंकज यादव, डीएम मेरठ

बच्चों को प्रधानमंत्री का भाषण सुनाने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं, जहां टीवी उपलब्ध नहीं हो पाएगा वहां रेडियो पर बच्चों को सीधा प्रसारण सुनवाया जाएगा।

जीवेंद्र सिंह ऐरी, बेसिक शिक्षा अधिकारी

Posted By: Inextlive