-विकास और एजुकेशन सिस्टम में सिर्फ धोखा ही धोखा

PATNA: सुबह का समय और पटना का गोल्फ क्लब। चाय की चुस्की जोश भर रही थी। मुद्दों के दम से बढ़ रहे जोश के बीच विकास का दर्द छलक रहा था। जैसे ही एजुकेशन का मुद्दा आया तो बहस तेज हो गई। राजनीति से दूर मुद्दों की बात के दैनिक जागरण आई नेक्स्ट मिलेनियल्स स्पीक सेंट्रल इलेक्शन 2019 में पटनाइटस के बेबाक बोल सामने आए। रेडियो सिटी के आर जे विनय ने कड़क बातों से जोश भरने का काम किया।

स्मार्ट सिटी और स्वच्छता का मामला उठाया

रेडियो सिटी के आर जे विनय ने जैसे ही मुद्दे की बात की और विकास को लेकर शुरुआत की तब तक डॉ विवेक विशाल ने बात काट दिया और काउंटर करते हुए बोले, जमीनी स्तर की बात की जाए। वह बात पूरी भी नहीं कर पाए थे कि अमित गुप्ता ने नया मुद्दा खड़ा कर दिया, एजुकेशन सिस्टम और बेरोजगारी से जुड़े उनके मुद्दे पर कड़क बात चल ही रही थी कि सत्यवीर कुमार ने पटना में स्मार्ट सिटी को लेकर चल रही दो साल की तैयारियों पर सभी का ध्यान खींच लिया। फिर क्या था स्मार्ट सिटी का मुद्दा हर किसी के लिए कड़क बात बन गई। स्मार्ट सिटी की बात चल ही रही थी कि दीपक गुप्ता ने स्वच्छता का मामला उठाते हुए बोला कि यह तो बड़ा काम है लेकिन इसके लिए जन जागरुकता पर काम किया जाए। बेटियों की शिक्षा को लेकर भी उन्होने दमदारी से अपनी बात रखी। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं की बात पर कई लोग एक हुए थे लेकिन जैसे ही नोटबंदी का मुद्दा आया फिर राय अलग-अलग हो गई।

आमने-सामने हुए मिलेनियल्स

नोटबंदी और जीएसटी की बात आते ही मिलेनियल्स आमने-सामने हो गए। डॉ। विवेक विशाल ने कहा कि नोटबंदी से क्या फायदा हुआ यह बताइए। वह बात पूरी करते तब तक दीपक गुप्ता बोल पड़े कि इससे ?लैक मनी पर अंकुश लगा है। लेकिन उनकी बात को विशाल ने काट दिया और कहा कि नोटबंदी ने खूब रुलाया है। उस दिन को याद करिए जब लंबी लाइन लगती थी। आरआर कल्याण ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा कि बहुत परेशानी हुई है। कोई इलाज के लिए भटका तो बेटी-बेटे की शादी में पैसे के लिए भटका। बात को काटते हुए सुमन कुमार ने जीएसटी की बात शुरू कर दी। जीएसटी का मुद्दा आते ही फिर सब आमने-सामने हो गए। बिजनेसमैन दीपक ने कहा कि आज तक छोटे व्यापारी इसका सिस्टम ही नहीं समझ पाए हैं। पूरा का पूरा मार्केट जीएसटी को लेकर कंफ्यूज रहता है। ऐसा कड़ा नियम नहीं बनाना जाहिए जिससे व्यापारियों का सिस्टम ही बैठ जाए। डॉ। ए भट्टाचार्या ने समझदारी से बात रखी और कहा कि नोटबंदी और जीएसटी देशहित के फैसले हैं। बड़े फैसलों के लिए शुरुआत में परेशानी होती है लेकिन इसका लाभ बाद में दिखता है। भविष्य में देश में इसका लाभ दिखेगा।

सर्जिकल स्ट्राइक पर एक राय

आर जे विनय ने जब सर्जिकल का मुद्दा उठाया तो मिलेनियल्स की एक राय हो गई। डॉ। विवेक ने कहा ऐसे बड़े फैसले लेने चाहिए जिसका संदेश पूरे विश्व में जाए। सत्यवीर कुमार ने कहा कि ऐसे फैसलों से सीना चौड़ा होता है। उनकी बात सुमन कुमार को भाई, सर्जिकल स्ट्राइक ने देश का मान बढ़ाया है। आत्मानंद ने कहा कि देश की सुरक्षा पर बड़ा प्लान होना चाहिए और इसके लिए हर युवा में देशभक्ति की भावना जगाना चाहिए। डॉ विवेक विशाल ने कहा कि अगर हर मुद्दा ऐसे ही सोच समझकर लिया जो देश की दशा बदल जाएगी।

मेरी बात

मिलेनियल्स ने एजुकेशन और हेल्थ सिस्टम से तस्वीर बदलने की बात कही। बिहार के स्कूलों की दशा और सिस्टम की दिशा पर बात करते हुए मिलेनियल्स काफी संजीदा दिखे। आम राय में इस मुद्दे से ही देश और समाज का विकास संभव है। सेंट्रल इलेक्शन 2019 में इस मुद्दे को सबसे उपर रखकर काम करना होगा।

-आत्मानंद शर्मा, बिजनेस

कड़क बात

स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर हर मिलेनियल्स की आवाज कड़क हो गई। आत्मानंद शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ मजाक किया जा रहा है। तर्क दिया कि रैंकिंग में कभी आगे तो कभी पीछे होने का खेल चल रहा है। स्मार्ट नाम दे देने से शहर स्मार्ट नहीं हो जाता है। इसके लिए काम करना होगा जो पटना में नहीं हो रहा है। दीवारों पर पेंटिंग कराकर शहर की धूल को सिर्फ आंखों में झाेंकने का काम हो रहा है। स्मार्ट सिटी का मुद्दा गरम रहा।

मुद्दे जो दमदारी से आए सामने

-स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट काम क्यों नहीं होता?

-हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज को लेकर कब तक खिलवाड़ होगा?

-शिक्षकों की कमी दूरकर एजुकेशन सिस्टम को सुधारने व रोजगार देने का झूठा दावा कम थमेगा?

-नोटबंदी और जीएसटी नहीं आम आदमी की बात पर क्यों नहीं होता जोर?

-स्वच्छता पर बात तो ठीक लेकिन रोजगार के लिए क्यों नहीं बनता मुद्दा?

सर्जिकल स्ट्राइक जैसे एक्शन होने चाहिए। स्वच्छ भारत ने भी बड़ा बदलाव लाया है। ऐसे ही अवेयरनेस वाले स्टेप को मुद्दा बनाकर काम करना होगा। मुद्दा ऐसे हो जिसकी चर्चा विदेशों में हो।

-सुमन ओझा

समाज में सबसे बड़ा मुद्दा एडिक्शन है। स्कूल के बच्चे नशा कर रहे हैं। नई पीढ़ी को नई दिशा देने के लिए दमदार मुद्दे पर काम करना होगा। जब तक नीचे से सोच नहीं बदलेगी तो समाज नहीं बदलेगा।

-डॉ विवेक विशाल

मैं यह नहीं समझ पाया कि स्मार्ट सिटी में क्या हो रहा है। क्या सिर्फ दीवार को पेंट कराने से ही हम स्मार्ट हो जाएंगे या कोई काम करना होगा। किसी को स्मार्ट सिटी का फंडा समझ में नहीं आया होगा।

-सत्यवीर कुमार

स्कूलों में सबसे अधिक ड्राप आउट हो रहा है। लड़कियां पढ़ नहीं पा रही हैं। इससे जनसंख्या में बहुत बड़ा गैप एजुकेशन सिस्टम पर पड़ रहा है। हमारी सोच पर असर पड़ रहा है।

-आर आर कल्याण

मेरे समझ से किसी भी देश का फ्यूचर उसका यंग जेनरेशन है। बहुत फेसेलिटी गौरमिंट दे रही है लेकिन उसका पूरा का पूरा यूटिलाइजेनशन नहीं हो पा रहा है। इसका बड़ा कारण कल्चर व अवेयरनेस है।

-डॉ ए भट्टाचार्या

पटना में वायु प्रदूषण का लेबल तेजी से बढ़ रहा है और अब बात सीएनजी की हो रही है। यह काम 10 साल पहले हो जाना चाहिए था। पटना पहले से काफी बदला है अब सोच को बदलने की जरुरत है।

-विशाल गुप्ता

नोटबंदी से ब्लैक मनी का खेल तो घटा है। लोगों को नजरिया बदलना होगा और मुद्दा खुद तय करना होगा। लोग अवेयर हो रहे हैं जिससे बदलाव आ रहा है। यूथ एक्टिव है जिससे भविष्य बदलेगा।

-दीपक गुप्ता

एजुकेशन सिस्टम को पावरफुल करना होगा। इस सिस्टम को बिना एक्टिव किए विकास संभव नहीं है। बच्चे क्या पढ़ रहे हैं मानीटरिंग होनी चाहिए।

-अमित गुप्ता

Posted By: Inextlive