फ्लैग : स्कूल छोड़ चुकीं किशोरियों को वापस क्लासरूम तक लाने के लिए एडोलेसेंट ग‌र्ल्स स्कीम लांच

- स्कीम के तहत वीरांगना दल में सखी और सहेलियों का होगा चयन

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फैक्ट्स एंड फीगर

- 10920 किशोरियों को बरेली में बेस लाइन सर्वे में किया चिन्हित

- 2857 आंगनवाड़ी सेंटर्स हैं बरेली में

- 5,12,818 किशोरियों को प्रदेश में चिन्हित किया गया है

- 300 दिनों तक टेक होम योजना के तहत घर पर दिया जाएगा पोषाहार

- 600 कैलोरी, 18 से 20 ग्राम प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रीयन्टस डेली मिल सकेंगे

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बरेली। प्रदेश में लाखों किशोरियां प्राइमरी एजुकेशन पूरी करने के बाद ही स्कूल छोड़ देती हैं। और जो आगे पढ़ना भी चाहती हैं, वे पेरेंट्स का सपोर्ट न मिलने से घरों में की चारदीवारी में कैद होकर रह जाती हैं। ऐसी ही किशोरियों के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने एडोलेसेंट ग‌र्ल्स स्कीम लांच की है। इसी के तहत ग‌र्ल्स को मुख्यधारा में लाकर अब वापस स्कूल लाया जाएगा। स्कूल छोड़ चुकीं 11 से 14 वर्ष तक की इन किशोरियों का आंगनवाड़ी सेंटर्स पर वीरांगना दल भी तैयार किया जाएगा, जो दूसरी बच्चियों को स्कूल लाने के लिए प्रेरित करेंगी। इससे ये किशोरियां शिक्षित और सशक्त बन सकेंगी। 14 जनवरी को स्कीम के लॉन्च होने के बाद से बरेली प्रशासन ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

वीरांगना दल में होंगी 30 किशोरियां

वीरागंना दल के तहत आंगनवाड़ी सेंटर्स पर 11 से 14 वर्ष तक की 25 से 30 किशोरियों को चिन्हित किया जाएगा। इनमें से 3 किशोरियों को टीम लीडर बनाया जाएगा। इनमें से एक किशोरी को वीरांगना सखी और दो किशोरियों को वीरागंना सहेली बनाया जाएगा। वीरांगना सखी और सहेलियों को क्षेत्रीय मुख्य सेविका द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वह एरिया की दूसरी किशोरियों को भी इस योजना के तहत जोड़ सकें। सखी और सहेली 1 वर्ष तक सेवा देंगी और इनका रोटेशन के आधार पर 4 महीने का कार्यकाल होगा। इनकी मॉनिटरिंग जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा की जाएगी। किशोरियों को स्कूल वापस लाने के बाद उन्हें ब्रिज कोर्स के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्हें कौशल विकास मिशन के तहत भी जोड़ा जाएगा।

यह सुविधाएं मिलेंगी

- किशोरियों को सशक्तिकरण और आत्मविश्वास पैदा करने के लिए सक्षम बनाया जाएगा

- उनके न्यूट्रीशन और हेल्थ लेवल में सुधार लाया जाएगा

- उन्हें परिवार और बाल देखरेख के लिए जागरूक किया जाएगा

- पढ़ाई छोड़ चुकी किशोरियों को एजुकेशन की मेन धारा में जोड़ा जाएगा

- हेल्थ सेंटर, पुलिस, बैंक, डाकघर, जैसी पब्लिक व इमरजेंसी सर्विस के बारे में बताया जाएगा

- सभी किशोरियों का आंगनवाड़ी सेंटर पर हेल्थ कार्ड तैयार किया जाएगा

- प्रत्येक महीने की 8 तारीख को किशोरी दिवस भी मनाया जाएगा

- किशोरियों को पेयजल, टायलेट, सैनेट्री नैपकिन व अन्य के इस्तेमाल को लेकर जागरुक किया जाएगा

- हेल्थ, एजुकेशन, पंचायती राज विभाग, व अन्य विभागों की जिम्मेदारी फिक्स की जाएंगी

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स्टैंडर्ड के तहत दिया जाएगा पोषाहार

किशोरियों के लिए प्रति माह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशियन व अन्य संस्थाओं के मानक के अनुरूप पोषाहार दिया जाएगा। इस पोषाहार में कैलोरी, प्रोटीन, फैट, आयरन, कैल्शियम, जिंक विटामिन, और फोलिक एसिड पोषक तत्व शामिल होंगे। इसके अलावा प्रत्येक 4 महीने में यानी अप्रैल, अगस्त और दिसंबर महीने में 450 ग्राम देशी घी भी दिया जाएगा। यह घी पराग कंपनी का ही होगा।

यह पोषाहार दिया जाएगा

खाद्य पदार्थ डेली (ग्राम में) मंथली (ग्राम में)

रागी 20 500

बाजरा 70 1750

ज्वार 40 1000

मक्का 60 1500

कोदो 20 500

कठिया गेहूं 50 1250

देशी काला चना 100 2500

अरहर दाल 40 1000

देशी घी 4.5 112.50

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बुंदेलखंड के किसानों का भी ख्याल

इस योजना के तहत किशोरियों को सक्षम बनाने के साथ बुंदेलखंड के किसानों को भी सक्षम बनाया जाएगा। किशोरियों को जो पोषाहार दिया जाएगा, उसे खरीदने में बुंदेलखंड के किसानों को वरीयता दी जाएगी। यह सामग्री नैफेड के जरिए खरीदी जाएगी। नैफेड के द्वारा ही पोषाहार आंगनवाड़ी सेंटर्स तक पहुंचाया जाएगा। यहां के किसान कम पानी खपत वाली फसलों को करने के लिए प्रोत्साहित होंगे और उन्हें उनकी फसल का उचित दाम भी मिलेगा।

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किशोरियों के हेल्थ और एजुकेशन को बेहतर करने के लिए एडोलेसेंट ग‌र्ल्स स्कीम लांच की गई है। जिसके तहत वीरांगना दल भी बनाया जाएगा, जो ग‌र्ल्स को एजुकेशन की मुख्य धारा में जोड़ने का काम करेंगी। शासन से दिशा निर्देश मिल चुके हैं। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ

कई बच्चियां प्राइमरी की शिक्षा के दौरान छोड़ देती हैं स्कूल

Posted By: Inextlive