- आरटीओ करता है घटना का इंतजार, बीते दिनों कई स्कूली वाहन हुए हैं हादसे का शिकार, घटना के बाद चलता है अभियान

GORAKHPUR: पापा, बस वाले अंकल मुझे सीट नहीं देते हैं। पूरे डेढ़ घंटे तक बस में खड़े होकर स्कूल जाना पड़ता है। यह दर्द है सिटी के कई प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का। स्कूली बस से जाने वाले इन बच्चों की शिकायत है कि स्कूल प्रबंधन बस से बच्चों को बेहतर और सुरक्षित घर से स्कूल ले जाने की गारंटी तो लेते हैं लेकिन लिमिटेड बसों में रोज ओवरलोडिंग कर बच्चों की सांसत बढ़ा दी जा रही है। डेली सामने आ रही ऐसी शिकायतें कहीं न कहीं स्कूल प्रबंधन की मनमानी को दर्शाती हैं। वहीं, प्रशासन के जिम्मेदार हैं कि उन्हें इन स्कूल वालों के मनमानी रवैये और स्कूली बस में ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की फुर्सत ही नहीं है। किसी स्कूली वाहन के हादसे का शिकार हो जाने के बाद आरटीओ को कार्रवाई की कवायद सूझती है।

वसूलते मोटा किराया, देते नहीं सुविधा

बच्चे व पैरेंट्स की सुविधा के लिए लगभग सभी स्कूलों में स्कूली बसें चल रही हैं। इसके लिए पैरेंट्स भी मोटी रकम खर्च करते हैं। लेकिन सुबह डेढ़ से दो घंटे पहले स्कूल के लिए निकलने के बाद भी तमाम बच्चों को बस में सीट नहीं मिल पाती। ऐसी तमाम शिकायतें स्कूल प्रिंसिपल्स के पास पहुंच रही हैं। लेकिन इस समस्या का समाधान करने के बजाय प्रिंसिपल भी पहले आओ पहले पाओ की बात कहते हुए टाल जाते हैं। इन्हीं मजबूरियों का फायदा उठाते हुए स्कूल बस ड्राइवर भी बस में ओवरलोड करने से बाज नहीं आते। वहीं लापरवाह आरटीओ डिपार्टमेंट भी इन स्कूली वाहनों की चेकिंग से पहले दुर्घटना का इंतजार करता है।

क्या कहते हैं पैरेंट्स

बिलंदपुर के रहने वाले दीपक बताते हैं उनका बेटा खोराबार स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है। बस सुबह 7 बजे आ जाती है। लेकिन उनका बेटा अक्सर खड़ा होकर ही स्कूल जाता है। जबकि बस का किराया स्कूल ने बढ़ा दिया लेकिन बच्चे को सीट नहीं मिलती है। वहीं, रायगंज के रहने वाले रितेश बताते हैं कि उनका बेटा मेडिकल रोड स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है। बस से आने-जाने में उसका करीब दो से ढाई घंटे का वक्त लग जाता है। लेकिन कभी सुबह के वक्त तो कभी छुट्टी के वक्त बस में उसे खड़े होकर ही आना पड़ता है।

वर्जन।

स्कूली वाहनों को ओवरलोड नहीं चलने दिया जाएगा। ऐसा नहीं है कि कार्रवाई नहीं की जाती है। कार्रवाई के लिए टीम काम कर रही है। फिर से अभियान चलाया जाएगा।

- डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive