RANCHI: हेल्थ के लिए दूध लाभदायक है लेकिन ऑक्सीटोसिन हारमोन मिला दूध आपकी सेहत बनाने की जगह बिगाड़ भी सकता है. सच तो यह है कि ताजा दूध लेने के चक्कर में सिटी के तकरीबन सभी खटालों से दूध लेनेवाले लोग ऑक्सीटोसिन मिला दूध ले रहे हैं जो स्वास्थ्य बनाता नहीं बिगाड़ देता है.


ऐसे काम करता है ऑक्सीटोसिन


ऑक्सीटोसिन हारमोन का इंजेक्शन पशुओं में मिल्क को स्टीम्यूलेट करने के लिए लगाया जाता है। सिटी के एक खटालवाले ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उनकी गाय का बच्चा मर गया है। इसके बाद से वह दूध देने में बहुत परेशान करती है। गाय को ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगाने के बाद आसानी से उसके थन से दूध उतर जाता है। नहीं तो वह कभी भी गाय और भैंस को इंजेक्शन नहीं लगाना चाहते हैं। खटालवाले पशुओं को इंजेक्शन लगाते हैं और इसकी दूसरी वजह यह है कि मौसम के उतार-चढ़ाव यानी सर्दी-गर्मी की वजह से भी पशु दूध कम या अधिक देते हैं। इस वजह से भी उन्हें मजबूरन पशुओं का इंजेक्शन लगाना पड़ता है। यदि दूध गाय अथवा भैंस के थन में रह गया, तो उसे थनैल हो सकता है, जिससे पशुपालकों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है।

'सही चीज मिलती कहां है?Ó


हिनू स्थित शुक्ला कॉलोनी के अमित कहते हैं-जानता हूं कि ऑक्सीटोसिन मिला दूध पीना मेरे और मेरे परिवार के लिए ठीक नहीं है, लेकिन सही चीज कहां मिलती है। इसका भी क्या ठिकाना कि डेयरी से जो दूध लेंगे, वह ठीक ही होगा। वहां भी तो दूध अंतत: बड़े खटालवाले ही देते हैं। इसलिए अच्छा हो या बुरा दूध तो लेना ही होगा.   पशुपालक ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का यूज धड़ल्ले से करते हैं, तो इसका बड़ा कारण उसका सस्ता होना है। ओपेन मार्केट में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन 1 रुपया और 50 पैसे में मिलता है। 1 रुपयावाला भैंस और 50 पैसेवाला गाय को दिया जाता है। इंजेक्शन का पूरा डŽŽाा सस्ता पड़ता है। लेकिन खटालवाले इसे डेली की जरूरत के हिसाब से खरीदते हैं।

Posted By: Inextlive