City के नवयुग गर्ल्स डिग्री कॉलेज के classrooms के सामने इस समय चारपाई पड़ी हैं. मैदान में girls नहीं खेलती वहां जवान अपने कपड़े सुखाते हैं. आजकल यहां PAC का डेरा है. दिसंबर में बैकपेपर होने हैं लेकिन कालेज में दो हफ्ते की छुट्टी कर दी गई है और कड़ाके की ठंड में इसकी भरपाई होगी

दिसम्बर में बैक पेपर एग्जाम शुरू होने हैं लेकिन नवयुग गल्र्स डिग्री कॉलेज में स्टूडेंट्स दो हफ्ते से छुट्टी पर हैं। इसके बदले में उन्हें ठिठुरती ठंड में कॉलेज आना पड़ेगा। यह छुट्टी एग्जाम्स की तैयारियों के लिए नहीं हुई है। जिस क्लास रूम में बच्चे बैठकर पढ़ाई-लिखाई करते थे, अब उनमें पीएसी के सिपाही आराम फरमा रहे हैं। जिलाधिकारी ने मोहर्रम के दौरान व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए पीएसी को यहां ठहरा दिया है और स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज बंद हो गए हैं।
नवयुग डिग्री कॉलेज में गल्र्स की छुट्टी कर दी गई है। यहां पर सीतापुर से आई पीएसी की कंपनी ने डेरा डाल रखा है। कमरों के बाहर जवानों ने चारपाई लगा ली है तो यहां के गलियारों और मैदानों में जवानों के कपड़े सूख रहे हैं। हर तरफ पीएसी के जवानों का सामान बिखरा पड़ा है। कॉलेज कैम्पस छावनी में तब्दील हो गया है। कहीं मोबाइल पर शानदार म्यूजिक बज रहा है तो कहीं कोई आराम फरमा रहा है। डिग्री कॉलेज के बाहर छुट्टी की सूचना लगा दी गई है। गेट पर सिर्फ कॉलेज का चौकीदार अपनी डयूटी पूरी कर रहा है। इनके यहां रुकने से सिर्फ डिग्री कॉलेज ही नहीं बल्कि इंटर कॉलेज पर भी असर पड़ रहा है।

धरी रह जाएगी साल भर की तैयारी
गल्र्स ने बताया कि कॉलेज में इस समय छुट्टी होने से हमारा कोर्स प्रभावित हो रहा है। नाम ना छापने की शर्त पर लड़कियों ने कहा कि अभी मजबूरी में छुट्टी की गई है। उसके बाद विंटर विकेशन हो जाएगी। कॉलेज फिर बंद हो जाएगा। इसी बीच हमारे बैक पेपर भी होने हैं। वह सब चौपट हो जाएंगे। साल भर की तैयारी धरी रह जाएगी। कई अन्य स्टूडेंट्स ने बताया कि छुट्टी भला किसे अच्छी नहीं लगती लेकिन इतनी लंबी छुट्टी नहीं चाहिए। इस गुलाबी ठंड में अपने फ्रेंडस के साथ गुनगुनी धूप में गप्पें मारने का अपना ही मजा है लेकिन अब मोबाइल से फ्रेंड्स से सिर्फ जरूरी बात तो हो जाती है लेकिन कैम्पस की बात ही और होती है।

शासन को दी सूचना
नवयुग डिग्री कॉलेज के प्रबंधक विजय दयाल ने बताया कि शहर में मोहर्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमारे कॉलेज को छावनी में बदल दिया गया है। यहां पीएसी तैनात कर दी है। इससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई चौपट हो गई है। तमाम स्टाफ को मजबूरी में छुट्टी पर भेज दिया गया है। मैने शासन और प्रशासन को इस बात की सूचना दे दी गई है कि यहां पर पीएसी टिकाने से स्टूडेंट्स की पढ़ाई चौपट हो गई है। लेकिन शासन का आदेश था, ऐसे में हमें कॉलेज की छुट्टी करनी पड़ी।

अबकी चूकेगा निशाना
लखनऊ महोत्सव के दौरान होने वाली शूटिंग प्रतियोगिता में नवयुग डिग्री कॉलेज की गल्र्स भी हिस्सा लेती हैं लेकिन इस बार उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाएगा। गल्र्स ने बताया कि कॉलेज में तैयारी के लिए एयरगन आई थी। हम लोग वहीं प्रैक्टिस भी कर लेते थे लेकिन जब कॉलेज बंद तो हमारी प्रैक्टिस भी बंद हो गई। जब हमारी प्रैक्टिस ही नहीं हो पाएगी तो भला हम शूटिंग प्रतियोगिता में क्या हिस्सा ले पाएंगे। बिना प्रैक्टिस के हिस्सा ले भी लिया तो टारगेट पर निशाना लग ही नहीं पाएगा। इससे क्या फायदा? इसी के चलते हम लोगों ने पार्टीसिपेट ना करने का फैसला लिया है।

यहां भी छावनी
सिर्फ नवयुग ही नहीं सिटी के खुनखुनजी, कालीचरन समेत कुछ और कॉलेजेज में भी पीएसी के जवानों और अद्र्धसैनिक बलों को टिकाया गया है। इससे यहां पर भी पढ़ाई में डिस्टरबेंस हो रहा है लेकिन किसी को भी इसकी परवाह नहीं है।

हमारे पास पीएसी को नवयुग डिग्री कॉलेज में ठहराने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। स्टूडेंट्स की पढ़ाई से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। यदि स्टूडेंट्स को कोई परेशानी है तो वहां के प्रबंधक को हमसे मिल कर इस बात की जानकारी देनी चाहिए या फिर हमारे एडीएम को बताएं। हाईकोर्ट ने कैम्पस में पीएसी टिकाने पर बैन कर रखा है। इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा।
अनिल सागर, जिलाधिकारी

शिक्षण संस्थाओं में पुलिस या पीएसी रुकवाना गलत है। इससे स्टूडेंट्स पर गलत प्रभाव पड़ता है। यही नहीं है इससे शिक्षण कार्य भी बाधित होता है।
डॉ मौलिन्दु मिश्र, पूर्व अध्यक्ष लुआक्टा

इससे पढ़ाई तो प्रभावित होती है लेकिन यह काम जिला प्रशासन का है इसलिए कुछ नहीं किया जा सकता है क्योंकि लॉ एंड आर्डर भी दुरूस्त रखना जरुरी है। इस बारे में और कुछ नहीं कह सकता हूं।
-राम सहाय, उच्च शिक्षा अधिकारी

Posted By: Inextlive