पद्मश्री गीता चंद्रन और पद्मश्री शोभना नारायण ने दी परफारमेंस

लॉरेल्स इंटरनेशनल स्कूल सारंगापुर में स्पिक मैके द्वारा आयोजित प्रोग्राम में भरत नाट्यम नृत्यांगना पद्मश्री गीता चंद्रन एवं मृदंग की थाप, वाइलेन की लय और गुंजन के मध्य हुई पद्मश्री शोवना नारायण के कत्थक की प्रस्तुतियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गीता चंद्रन ने भरत नाट्यम तो शोवना नारायण ने कत्थक के महत्व को भी समझाया। गीता चंद्रन ने कहा कि भरत नाट्यम कविता, नाट्य, नृत्य, और संगीत का समन्वय है। वहीं शोवना नारायण ने कत्थक नृत्य की बारीकियां बताते हुए भगवान कृष्ण की बाँसुरी, माँ सरस्वती की वीणा, शिवजी के डमरू और तांडव नृत्य को कत्थक के माध्यम से बताया।

बतायी नृत्य की बारीकियां

प्रोग्राम में उन्होंने विभिन्न हस्त कलाओं जैसे चिडि़या, मोर, हिरण, हाथी, शेर आदि विभिन्न मुद्राओं के माध्यम से बताया। इसके बाद उन्होंने सीता स्वयंवर की कहानी को नृत्य के माध्यम से पेश किया। अंत उन्होंने घुँघुरुओं की विभिन्न आवाज़ों के साथ किया। शास्त्रीय नृत्यांगना गीता चंद्रन ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम कृष्ण साधिका मीराबाई द्वारा रचित पद म्याहने चाकर राखो जी पर नृत्य प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया। विद्यालय के प्राचार्य डॉ। अरुण प्रकाश ने बुके देकर गीता चंद्रन व शोवना नारायण का स्वागत किया। प्रोग्राम में करछना से पूर्व माध्यमिक विद्यालय करेहा, प्राथमिक विद्यालय करेहा सहित चाका से पूर्व माध्यमिक विद्यालय दांदूपुर के छात्र-छात्राओं ने सहभाग किया। संचालन अर्चिशा ने और धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय की ट्रस्टी मृदुला प्रकाश ने किया।

Posted By: Inextlive