पाकिस्तान में सत्ताधारी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने नए प्रधानमंत्री के लिए राजा परवेज़ अशरफ़ को मनोनीत कर दिया है.


पत्रकार वार्ता में घोषणापार्टी के वरिष्ठ नेता ख़ुर्शीद शाह में एक पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की. इस संवाददाता सम्मेलन में पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सभी सदस्य भी शामिल थे. ख़ुर्शीद शाह ने बताया कि पार्टी की सभी सहयोगी दलों के लंबे विचार विमर्श के बाद उन्हें पार्टी नेतृत्व में प्रधानमंत्री पद के लिए राजा परवेज़ अशरफ का नाम दिया है और गठबंधन सरकार के सभी सदस्यों की इसमें सहमति शामिल है.आम सहमति से नया नाम


ख़ुर्शीद शाह का कहना था कि लोकतंत्र को बचाने के लिए उनकी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया और आगे भी मानती रहेगी. साथ ही लोकतंत्र को ओर मज़बूत करने के लिए भी अपनी भूमिका अदा करती रहेगी. ग़ौरतलब है कि राजा परवेज़ अशरफ़ का संबंध पंजाब के तालुक़ा गुजर ख़ान से है और वो वर्ष 2002 और 2008 में संसद के निचले सदन राष्ट्रीय असेंबली के सदस्य बने थे. 2008 के आम चुनाव के बाद जब पीपुल्स पार्टी ने सत्ता संभाली थी तो उन्हें पानी और बिलजी का केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. नौ फरवरी 2011 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था. बाद उन्हें सूचना और तकनीक विभाग का केंद्रीय मंत्री बनाया गया था.घटनाचक्र

ग़ौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 जून को अदालत की अवमानना के मामले में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को पद पर बने रहने के लिए अयोग्य करार दे दिया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ दायर भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र नहीं लिखा था और अदालत की अवमानना की थी. अदालत के आदेश के बाद राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कपड़ा उद्योग मंत्री मख़दूम शहाबुद्दीन को प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकित किया था. लेकिन, उनके नाम को संसद की मंजूरी मिलने से पहले ही उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया. रावलपिंडी में नशीले पदार्थों से जुड़े मामलों की अदालत ने ये वारंट जारी किया था. मामले की जाँच कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी को बताया था कि स्वास्थ्य मंत्रालय के पूर्व निदेशक जुमा ख़ान के बयान को बुनियाद बना कर अदालत ने गिरफ्तारी के वारंट जारी किए थे. स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जुमा ख़ान ने अदालत में बयान दिया था कि मख़दूम शहाबुद्दीन ने बतौर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एक दवा बनाने वाली कंपनी को कोटा से ज़्यादा मात्रा में दवा दिलवाने में अपना प्रभाव इस्तेमाल किया.

Posted By: Kushal Mishra