पाकिस्तान : अभी भी इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने पर सदेह, विपक्ष उतार रहा अपना कैंडिडेट
इस्लामाबाद (रॉयटर्स)। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ लेने का दिन भले ही तय कर दिया है लेकिन उन्हें विपक्षी पार्टियों से बड़ा झटका मिल सकता है। पाकिस्तान के दो प्रमुख राजनीतिक दलों ने इमरान को चुनौती देते हुए गुरुवार को कहा कि वे भी संसद में प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार को भी मैदान में उतारेंगे। बता दें कि इमरान खान प्रधानमंत्री पद के लिए 11 अगस्त को शपथ लेने वाले हैं।
धोखाधड़ी कर हुए चुनावों के खिलाफ बना है गठबंधन
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की मरियम औरंगजेब ने कहा, 'सभी पार्टियों के बीच यह एक ऐसा गठबंधन है जो धोखाधड़ी कर हुए चुनावों के खिलाफ है।' हालांकि पाकिस्तान में ऐसा भी कहा जा रहा है कि विपक्षी दलों के पास इमरान खान को टक्कर देने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं हैं, इसलिए इस गठबंधन का कोई फायदा नहीं है। कुछ ख़बरें यह भी आ रही हैं कि पीएमएल-एन ने खान को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ भी गठबंधन कर लिया है।
137 सीटों की जरूरत
बता दें कि 65 वर्षीय इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी पीटीआई आम चुनाव के बाद पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है लेकिन अब भी सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत से दूर है। खान, नेशनल असेंबली की 267 सीटों में से 115 सीट जीत चुके हैं। आम चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एल) 64 सीट जीतकर दूसरे और बिलावल अली भुट्टो की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है। इसके अलावा बाकी बचे नेशनल असेंबली की 13 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। किसी भी एक पार्टी को बहुमत के लिए 137 सीटों की जरूरत होती है तभी वो सरकार बना पाती है।