पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश गायिका-अभिनेत्री सोफिया हयात को भारतीय फिल्मोद्योग में व्यवसायिकता की कमी खलती है। वह कहती हैं कि यदि व्यवसायिकता हो तो भारत 'स्लमडॉग मिलियनेयर' जैसी कई सफल फिल्में दे सकता है।


मुम्बई,  सोफिया ने एक साक्षात्कार में कहा, "मैं बॉलीवुड में और व्यवसायिकता ला सकती हूं। आपको किरदार जैसा बनने की जरूरत है न कि उसके जैसा नाटक करने की। जब मैं अभिनय करती हूं तो मैं दिखावा नहीं करती। आप सीख सकते हैं। मैंने ब्रिटेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अलग-अलग पाठ्यक्रमों के तहत लंबे समय तक बहुत कुछ सीखा है। हम बॉलीवुड में और व्यवसायिकता और रंग ला सकते हैं।"सोफिया यहां विनोद मुखी के निर्देशन में बन रही फिल्म 'डायरी ऑफ ए बटरफ्लाई' की शूटिंग कर रही हैं। वह बीबीसी के 'वाटरलू रोड' और 'जोनाथन क्रीक' में अभिनय कर चुकी हैं और उन्होंने बाफ्टा पुरस्कार विजेता श्रृंखला 'फर टीवी' में भी काम किया है। 'फर टीवी' का एमटीवी पर प्रसारण हुआ था।वह 'द अनफोर्गेटेबल', 'एक्जिट्ज' और 'कैश एंड करी' जैसी फिल्मों अभिनय कर चुकी हैं।
सोफिया जब विश्वविद्यालय में थीं तो उनके माता-पिता ने चाकू की नोक पर उन्हें अगवा कर लिया था। सोफिया की लिखी पटकथा 'डिस्ऑनर्ड' ब्रिटेन में एशियाई लोगों से जुड़ी कानूनी कार्रवाइयों के सम्बंध में है। सोफिया कहती हैं कि पटकथा उनके जीवन से प्रेरित है। इस साल के अंत में इस पटकथा पर आधारित फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी। फिल्म का ज्यादातर हिस्सा मुम्बई में फिल्माया जाएगा।


वह कहती हैं, "मैं यहां पैसा बनाने के लिए नहीं आई हूं। मैंने ब्रिटेन में बहुत पैसा बनाया है। मैं यहां कुछ अच्छी फिल्में करने के लिए आई हूं लेकिन यहां एक फैक्टरी जैसा काम होता है। वे अभिनय की खूबसूरती को नजरअंदाज करते हैं। यदि आप खूबसूरती पर ज्यादा ध्यान देते हैं तो इसे ब्रिटेन और अमेरिका में प्रशंसा मिलती है।"वह कहती हैं कि यदि निर्माता और निर्देशक व्यवसायिकता बरतें तो भारत में 'स्लमडॉग मिलियनेयर' जैसी कई फिल्में बन सकती हैं।

Posted By: Garima Shukla