साइंटिफिक नेम- ब्यूटिया मोनोस्पर्मा

लोकल नेम- पलाश, टेसू

1 पेड़ ही लगा है पूरे डिस्ट्रिक्ट में

7 साल पुराना है यह पेड़

: पर्यावरण संरक्षण के लिए अर्थ डे से शुरू हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कैंपेन डॉक्यूमें 'ट्री' में आज हम आपको ऐसे पेड़ के बारे में बता रहे हैं जिसका नाम तो आपने जरूर सुना होगा, लेकिन इस पेड़ को देखा कम लोगों ने ही होगा. हम बात कर रहे हैं पलाश यानि टेसू के पेड़ की. पूरे डिस्ट्रिक्ट में पलाश का एक मात्र पेड़ पे्रमनगर स्थित पर्यावरण प्रेमी प्रभा जौहरी ने अपने घर में लगा है. बीसीबी में बॉटनी डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर आलोक खरे ने इसे लगवाया था.

मिला राज्य पुष्प का दर्जा

पलाश के पेड़ पर लाल, नारंगी रंग के फूल खिलते हैं. फूलों से लदे पेड़ का दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे आग जल रही हो. इसीलिए इसे फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट यानि जंगल की आग भी कहा जाता है. उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड ने इसे राज्य पुष्प का दर्जा दिया है.

औषधीय महत्व

- पलाश के फूलों को पीसकर चेहरे में लगाने से चमक बढ़ती है.

-पलाश की फलियां कृमिनाशक का काम करती हैं.

-पलाश फूल के पानी से स्नान करने से लू नहीं लगती तथा गर्मी का अहसास नहीं होता.

नेचुरल डाई

प्रचीन काल से ही पलाश के फूलों का उपयोग रंग बनाने में किया जाता है. होली के मौके पर लोग पलाश के फूलों से रंग बनाकर होली खेलते थे. इसके अलावा कपड़े रंगने में भी इसका उपयोग किया जाता था.

अपील::::

Posted By: Radhika Lala