माउथ फ्रेशनर की आड़ में कुछ भी नहीं बेच पाएंगे दुकानदार

पान मसाला और माउथ फ्रेशनर के लिए कैटेगरी डिवाइड

फूड स्फेटी एंड स्टेंडर्ड ऑथिरिटी ऑफ इंडिया ने जारी किए निर्देश

Meerut. पान मसाला, माउथ फ्रेशनर और मुखवास की आड़ में अब दुकानदार कुछ भी नहीं बेच पाएंगे. पान मसाला कैसा है और माउथ फ्रेशनर कैसा है, अब इसका बकायदा हिसाब देना होगा. फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड ऑथिरिटी ऑफ इंडिया यानी एफएसएसएआई ने बकायदा इसके लिए अलग से कोड व कैटेगरी डिवाइड कर दी हैं. लाइसेंस के साथ इनका ब्यौरा देना अनिवार्य होगा.

ये है मामला

बाजार में इन दिनों पान मसाले के अलावा सुपारी व एल्कोहलिक बेस्ड माउथ फ्रेशनर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं. इनको लेकर एफएसएसएआई की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन नहीं थी. स्पष्ट मानक न होने की वजह से कहां पर क्या बिक रहा है, इसका भी कोई रिकार्ड विभाग के पास नही हैं. ऐसे में फूड विभाग भी इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर पा रहा था. इन सबको लेकर मिली शिकायतों व जांच के आधार पर ही एफएसएसएआई ने नया नियम जारी किया है.

ऐसे होगी कैटेगरी डिवाइड

पान मसाला व सुपारी बेस्ड माउथ फ्रेशनर्स का ब्यौरा फूड कोड 15.2 के तहत दिया जाएगा. इसमें प्रोसेज्ड, मेटल अन्य प्रकार से कोटेड नट्स व नट्स मिक्सचर को शामिल किया गया है. इन आइटम्स की बिक्री के लिए दुकानदार को लाइसेंस लेने के दौरान इसकी अलग से जानकारी देनी होगी. जैसे कोटेड सुपारी, कोटेड इलायची आदि

स्पाइस बेस्ड माउथ फ्रेशनर्स का ब्यौरा कोड 12.2.1 के तहत देना होगा. इसके तहत ऐसे माउथफ्रेशनर्स व मुखवास को रखा गया है, जिसमें ह‌र्ब्स, स्पाइस समेत मसालों को शामिल किया गया है.

धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम

एफएसएसएआई ने फूड लाइसेंसिंग एंड रजिस्ट्रेशन सिस्टम पर इस नियम को लागू कर दिया है. विभाग अधिकारियों के अनुसार इस नियम के लागू होने से धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी. अलग गाइड लाइन न होने की वजह से टेबेको प्रॉडक्ट भी माउथ फ्रेशनर के रूप में बिक रहे थे. लेकिन अब ब्यौरा होने की वजह से विभाग को पता रहेगा कि कहां सुपारी व मेटल कोटेड, एल्कोहलिक पानमसाला बिक रहा है व कहा हर्बल मिक्स माउथ फ्रेशनर बिक रहा है. इससे चेकिंग करने में भी आसानी होगी.

आयुर्वेद पर भी नजर

आयुर्वेद के नाम पर ऐसे फूड आइटम्स की बिक्री कर रहे दुकानदारों पर भी यह नियम लागू होगा. इसके लिए उन्हें भी अपने लाइसेंस में अपडेट करवाकर तमाम चीजों का ब्यौरा विभाग को देना होगा. विभागीय अधिकारियों का मानना है कि आयुर्वेदिक व होममेड के नाम पर बिक रहे ऐसे पदार्थों पर नजर रखना आसान होगा. अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी.

करेंगे गाइड

एफएसएसएआई ने पहले से ही लाइसेंस धारकों को इस नियम का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया है. इसके अंर्तगत सभी को अपने लाइसेंस में मॉडिफाई करवाना होगा. इसके साथ ही फूड विभाग के अधिकारियों को जानकारी देने में उनकी मदद भी करनी होगी.

एफएसएसएआई ने पान मसाला, माउथफ्रेशनर, मुखवास आदि के लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं. सभी को अब इस केटेगरी के तहत ब्यौरा देना होगा. इससे जहां विभाग के पास रिकार्ड मेंटेन होगा वहीं नजर रखना भी आसान होगा.

अनिल गंगवार, सीनियर फूड सेफ्टी ऑफिसर, मेरठ.

Posted By: Lekhchand Singh