स्टूडेंट्स को बिना पूछे ही मिले जवाब
- हर स्कूल में बच्चों ने सुनी मोदी की परीक्षा पर चर्चा
- बरेली के बच्चों के मन में थे बहुत से सवाल BAREILLY: बोर्ड परीक्षा को लेकर मन में चल रहे सवालों को लेकर प्रधानमंत्री के साथ परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल होने गए बरेली के बच्चे खुश हैं कि भले ही वे सवाल न पूछ पाए हों, फिर भी उन्हें जवाब मिल गए और पीएम से बहुत कुछ सीखने को भी मिला। स्टूडेंट्स ने बताया कि कई बातें ऐसी थी जिन्होंने सभी स्टूडेंट्स को बहुत इंस्पायर कर दिया। जो सवाल वो पूछना चाहते थे वो सवाल दूसरे स्टेट के स्टूडेंट्स ने पूछे तो उन्हें जवाब मिल गए। स्कूलों में लाइव टेलीकास्टइधर शहर के सभी स्कूलों में कार्यक्रम लाइव चला। मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज में कमिश्नर रणवीर प्रसाद, जेडी प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने भी मोदी की चर्चा को ध्यान से सुना और उसे जीवन में उतारने के लिए कहा। कार्यक्रम देखने के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स का कहना था कि अभी तक कहीं न कहीं एग्जाम को लेकर एक डर लगा रहता था लेकिन की पीएम ने जिस तरह से समझाया उससे एग्जाम काडर एकदम खत्म हो गया। कई बातें प्रधानमंत्री ने ऐसी बताई जिनसे हमरा हौंसला और बढ़ गया।
बरेली के बच्चों के सवाल
-इफको टाउनशिप आंवला की हिमांशी ने बताया कि वह प्रधानमंत्री से पूछना चाहती थी कि हमारा एजुकेशन सिस्टम ऐसा है जिसमें पढ़ने के बाद स्टूडेंट या तो हायर एजुकेशन के लिए या फिर जॉब के लिए बाहर चले जाते है इसके लिए क्या करना चाहिए। -इफको की ही आस्था पीएम से पूछना चाहती थी कि आज कल हर पेरेंट्स चाहता है कि उनके बच्चे एकदम वरसेटाइल हो, जिसकी वजह से बच्चों को बहुत चीजें फेस करनी पड़ती हैं ऐसे में दोनों चीजों को मेंटेन करने के लिए क्या करना चाहिए। -केंद्रीय विद्यालय नंबर 2 की स्टूडेंट्स भूमिका पूछना चाहती थी कि एग्जाम का स्ट्रेस ज्यादा होने की वजह से पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते है। इस स्ट्रेस को कम करने के लिए क्या करना चाहिए। -एयरफोर्स की स्वाति का सवाल था कि जब किसी स्टूडेंट के एग्जाम में कम मार्क्स आते हैं तो उन्हें सोसाइटी में कई तरह की बातें सुननी पड़ती हैं और कई बार बेइज्जत भी होना पड़ता है। इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।-दोहना के आदित्य का कहना था कि यदि एग्जाम में खराब मार्क्स आ जाते हैं तो सोचते हैं कि आगे के एग्जाम सही से करेंगे उन पर फोकस करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है। एग्जाम खराब होने के बाद फोकस कैसे करें।
---- कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने समझाया कि एग्जाम टाइम में समय का सही उपयोग कैसे किया जा सकता है। अभी तक मैं यह नहीं समझ पाती थी कि समय का उपयोग कैसे करें। दीक्षा अरोरा क्लास 12 मोदी जी ने जब बताया कि परीक्षा देते समय बिल्कुल नहीं घबराना चाहिए, यह बात सबसे अच्छी लगी। क्योंकि अभी तक मैं परीक्षा से पहले बहुत घबराती थी। सोचती थी कि पता नहीं क्या होगा। शीतल देवी क्लास 12 हम लोग इस बात को आज तक समझ ही नहीं पाए थे कि हमें कैसे क्या करना चाहिए। हम यही सोचते थे कि हमारे पास टाइम बहुत कम है, लेकिन आज पता चला टाइम तो बहुत है, लेकिन हम उसका डिवाइडेशन नहीं कर पाते हैं ईशा चौहान क्लास 11 मुझे मोदी जी का सबसे अच्छा एक उदाहरण लगा, जिसमें उन्होने कहा कि पेरेंट्स जैसे बच्चे का हाथ बचपन में पकड़कर चलाते हैं ठीक उसी तरह से बच्चे के बड़े होने पर भी पकड़े रहें। बच्चें के बड़े होने पर पेरेंट्स को उनका हाथ नहीं छोड़ना चाहिए। मुस्कान क्लास 11 -----मुझे प्रधानमंत्री जी की सबसे अच्छा अच्छी बात लगी कि उन्होंने कहा कि 'सबकी शिक्षा, अच्छी शिक्षा' का जो नारा प्रधानमंत्री जी ने दिया है वह बेहद जरूरी है। रिपोर्ट कार्ड को विजिटिंग कार्ड की तरह प्रयोग न किया जाए। हम सब अच्छे अंक लाने की कोशिश करते हैं।
पलक, टीचर प्रधानमंत्री के सपने को हम अपने स्कूल के माध्यम से बहुत आगे तक ले जाएंगे। हमारी कोशिश है कि प्रधानमंत्री जी ने जो भी कहा उसे हर तरीके से पेरेंट्स और टीचर बच्चों पर एप्लाई करें। उन्हें बिना किसी डर से सिखाने की कोशिश करें। हर बच्चा प्ले स्टेशन से प्ले ग्राउंड की ओर जाए। जिससे बच्चे किसी भी तरह के प्रेशर में न रहें। रूमा गोयल, डायरेक्टर ------ कमिश्नर बोले मैं भी अपने बच्चों पर अप्लाई करूंगा सभी बातें कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने कहा कि वह भी ऐज ए पेरेंट अपने बच्चों को मोदी के बताए गए रास्तों पर ही ट्रीट करेंगे। रही बात उन बच्चों की जो बरेली से गए थे और अपने सवाल नहीं पूछ पाए तो उन्हें भी अपने सभी सवालों के जवाब मिल चुके होंगे।