DEHRADUN : इसे जरूरत से ज्यादा मिली छूट कहें या फिर बदलती मानसिकता. बच्चे अपने ही बड़ों को अपना दुश्मन मान रहे हैं. परिजनों की डांट पर घर तक छोडऩे के साथ सुसाइड तक करने में आमदा हैं. सिटी में सैटरडे को भी इसी तरह के तीन मामले सामने आए हैं. पहली घटना में परिजनों की डांट से आहत युवक ने सुसाइड कर लिया. जबकि दूसरी में पेरेंट्स की डांट से आहत नाबालिग लड़की घर से भाग गई. तीसरी घटना में परिजनों की अनदेखी का फायदा उठाकर नाबालिग लड़की एक लड़के के साथ भाग निकली. जानकारों की माने तो बच्चे इस तरह के कदम सही गाइडेंस न मिलने के कारण उठा रहे हैं.


डांट से आहत होकर किया सुसाइड पहली घटना नेहरू कॉलोनी एरिया के नवादा गांव की है. जहां दून हॉस्पिटल से रिटायर्ड डॉक्टर एनएस पाल परिवार समेत रहते हैैं. बताया जा रहा है कि उनका बेटा नवीन बेरोजगार होने के साथ शराब का आदी था. फ्राइडे नाइट को भी नवीन शराब के नशे में घर पहुंचा था. जिस पर परिजनों ने उसे बुरी तरह डांट दिया. डांट से आहत नवीन अपने कमरे में सोने चला गया. अगले दिन शनिवार सुबह को परिजनों ने नवीन को आवाज दी लेकिन उसके कमरे से कोई जबाव नहीं आया. जिस पर परिजनों ने उसके रूम में झांककर देखा तो वहां नवीन का शव पंखे पर रस्सी के सहारे झूल रहा था. सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस ने पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए दून हॉस्पिटल की मॉर्चरी में भेज दिया. भाग निकली नाबालिग लड़की


दूसरी घटना भी नेहरू कॉलोनी थाना एरिया की है. जहां एक व्यक्ति ने शनिवार सुबह को अपनी तेरह वर्षीय नाबालिग लड़की को डांट दिया. डांट से आहत लड़की घर से बिना बताए भाग निकली. आसपास में खोज करने के बाद भी लड़की का कुछ पता न चला. जिस पर परिजनों ने लड़की के गायब होने की सूचना पुलिस को दी. कंट्रोल रूम से सूचना फ्लैश होते ही पुलिस ने लड़की की खोजबीन शुरू की. करीब आठ बजे करनपुर बाजार में एक लड़की घूमते हुए पाई गई. मामला संदिग्ध लगने पर पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह परिजनों की डांट से आहत होकर घर से भागी है. जिस पर पुलिस ने लड़की को पकड़कर सूचना लड़की के परिजनों को दी. दोपहर बाद लड़की को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. परिजनों की अनदेखी का उठाया फायदा

तीसरी घटना थाना कैंट के प्रकाश नगर की है. जहां मिïट्टी के बर्तन बनाने वाले राजकुमार परिवार समेत रहते हैं, उनके मकान पर बीस वर्षीय युवक हीरा भी किराए पर रहता था. बताया जा रहा है कि हीरा का घर में आना जाना था. इसी दौरान हीरा का संपर्क राजकुमार की तेरह वर्षीय बेटी अंजली से हुआ और दोनों के बीच प्यार हो गया. हीरा और लड़की के बीच के संबंधों की जानकारी राजेन्द्र को भी नहीं थी. बस इसी का फायदा उठाकर राजेन्द्र गत सप्ताह लड़की को अपने साथ भगा ले गया. काफी तलाश के बाद भी जब लड़की का कुछ पता न चला तो राजेन्द्र ने कैंट थाने में आरोपी युवक हीरा के खिलाफ लड़की को बहला फुसलाकर भागा ले जाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई. अपनों को ही मान लेते हैं दुश्मन साइकोलॉजिस्ट बताते है कि बच्चे इस तरह के कदम सही गाइडेंस न मिलने के कारण उठाते हैं. साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर बीना कृष्णन ने कहा कि भाग दौड़ भरी जिंदगी में पेरेंट्स बच्चों को गाइड नहीं कर पाते है. जिस कारण उन्हें सही और गलत का पता नहीं चलता है और वे राह भटक जाते है. जब तक परिजनों को इस बात का अहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और बच्चे हाथ से निकल जाते हैं. यदि परिजन उन्हें सुधारने के लिए डांटते है तो वे परिजनों को ही अपना दुश्मन मान लेते है और घर से भागने के साथ सुसाइड करने में ही अपनी भलाई समझते हैं.

Posted By: Ravi Pal